लखनऊ। ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा पर डालीगंज स्थित त्रेताकालीन प्रतिष्ठित शिव महाधाम मनकामेश्वर मठ-मंदिर और “नमोस्तुते माँ गोमती संस्थान” की ओर से आदिगंगा मां गोमती की महा आरती मनकामेश्वर मठ-मंदिर की श्रीमहन्त देव्यागिरि के सानिध्य में गुरुवार 24 जून को मनकामेश्वर उपवन घाट पर की गई। संत कबीर जयंती के अवसर पर विशेष रूप से कबीर के भजनों से घाट परिसर गूंजा वहीं कबीर पंथियों का सम्मान करके वसुधैव कुटुम्बकम् का संदेश दिया गया।

महिला संतों ने की आदि गंगा गोमती की आरती

देव नगरी बनारस में मां गंगा की विश्व प्रसिद्ध आरती की परंपरा का अनुसरण करते हुए श्रीमहंत देव्यागिरि की अगुआई में मनकामेश्वर घाट उपवन में, 11 वेदियों से आदिगंगा मां गोमती की आरती की गई। इस अवसर पर महिला संत ऋतुजा गिरि, गौरजा गिरि कल्याणी गिरि ने अन्य वेदियों पर विधि विधान से आरती की। इस अवसर पर घंटे, शंख और जयकारों से घाट परिसर गूंज उठा। सांस्कृतिक मंच पर पूनम विष्ट ने कृष्ण के भजन पर मनभावन नृत्य किया। पूर्णिमा आरती समारोह पर घाट की सज्जा प्रतिभा वालियान, रजनी शुक्ला, पुनीता भटनागर ने किया। इस अवसर पर श्रीमहंत देव्यागिरि ने लोगों को अधिक से अधिक संख्या में वैक्सीन लगाने के लिए प्रेरित किया।

कबीर जयंती पर हुआ सम्मान समारोह

ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा पर संत कबीर की जयंती भी मनायी गई। श्रीमहंत देव्यागिरि ने कहा कि संत कबीर ने पाखंड का विरोध कर गुरु के महत्व को हमेशा सर्वोपरी रखा। श्रीमहंत के अनुसार संत कबीर के अमर संदेश आज भी प्रासंगिक है। इस अवसर पर संत कबीर पंथ के प्रमुख रामेन्द्र दास, राम स्नेही दास, साहिब दीन दास का सम्मान भी किया गया। भजन संध्या में लोकप्रिय गायक पंकज कुमार शाडिल्य ने कबीर के प्रेरक भजन सुनाए। उपस्थित भक्तों ने “ऐसी वाणी बोलिए, मन का आपा खोये, औरन को शीतल करे, आपहुं शीतल होए” और “बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय, जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय” भजनों का झूमते हुए आनंद लिया। इस अवसर पर उपमा पाण्डेय, जगदीश गुप्ता अग्रहरि, तुलसी पाण्डेय सहित अन्य उपस्थित रही।

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