लखनऊ। आजाद समाज पार्टी के बैनर तले दर्जनों की संख्या में महिलाओं और सैकड़ों की संख्या में पुरुषों ने कलेक्ट्रेट में पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया। तख्ती पर उप निरीक्षकों के नाम लिखे गए और उनके भ्रष्टाचार की कहानी लेकर आम लोगों से न्याय मांगने का आह्वान किया गया। इन तख्तीयों पर उप निरीक्षकों में गोसाईगंज थाने में तैनात राणा प्रताप सिंह और धम्मौर थाने में तैनात केसी यादव दारोगा का नाम प्रमुखता रूप से सामने आया है। जिसके बाद से पुलिस विभाग में खलबली मची हुई है। वहीं परियोजना निदेशक डूडा की तरफ से भ्रष्टाचार किए जाने और पात्रता होने के बावजूद प्रताड़ित किए जाने को भी प्रदर्शनकारियों ने मुद्दा बनाया। प्रदर्शन की सूचना मिलने पर नगर कोतवाल संदीप राय मौके पर पहुंचे। पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन देख पुलिसकर्मी दाएं-बाएं खिसकते हुए नजर आए। इस दौरान डीएम कार्यालय का मुख्य गेट बंद कर दिया गया। सुरक्षा कर्मी समेत अन्य कर्मचारी अंदर ही लगभग आधे घंटे तक फंसे रहे।
यह भी पढ़ें: कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने दिया इस्तीफा, पूरे हुए सरकार के 2 साल
आरोप लगाते हुए जिला अध्यक्ष आजाद समाज पार्टी के विजय कुमार ने कहा कि, गोसाईगंज थाने में तैनात दारोगा राणा प्रताप सिंह साक्ष्य नहीं होने के बावजूद फर्जी गुंडा एक्ट के मुकदमे लोगों पर कर रहे हैं। एवज में सुविधा शुल्क मांगते हैं। वहीं धम्मौर थाना क्षेत्र के उपनिरीक्षक केसी यादव स्टे आर्डर होने के बावजूद पक्षपातपूर्ण ढंग से न्यायालय में विवादों के कारण लंबित जमीनों पर अवैध कब्जे करवा रहे हैं। इसी वजह से इनके खिलाफ प्रदर्शन किया गया। विजय कुमार ने बताया कि विकास विभाग के परियोजना निदेशक भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। सरकारी योजनाएं देने की एवज में लाभार्थियों से पैसा वसूला जा रहा है। इन्हीं सब वजह से इनके भ्रष्टाचार को प्रदर्शन में मुद्दा बनाया गया है।https://gknewslive.com