राजनीति : योगी आदित्यनाथ भारतीय राजनीति का वह नाम है जो किसी परिचय का मोहताज नहीं। आज भारत में रहने वाला हर एक व्यक्ति इनसे भली -भांति परिचित है । योगी आदित्यनाथ भारतीय जनता पार्टी के वह नेता हैं, जिन्हें लोग पार्टी के नाम से ज्यादा उनके कट्टर पंथी, बेबाक जवाब और असाधारण फैसलों के लिए जानते । योगी आदित्यनाथ सन् 1998 में पहली बार भारत के बारहवें लोकसभा में चुनाव जीत कर सबसे कम उम्र के सांसद के रूप में देश के सामने आये । जिस समय योगी आदित्यनाथ सांसद बने उस वक्त उनकी उम्र महज 26 वर्ष की थी।

योगी आदित्यनाथ का शुरूआती जीवन:-
योगी आदित्यनाथ का जन्म 5 जून 1972 मेंउत्तराखंड के गढ़वाल जिले में एक राजपूत परिवार में हुआइनका बचपन का नाम अजय सिंह बिष्ट थाइनके पिता का नाम आनंद सिंह बिष्ट और माता का नाम सावित्री था। बता दे आनंद बिष्ट के सात (7) बच्चों में योगी उनके पांचवे बच्चे हैं। योगी आदित्यनाथ की तीन बड़ी बहनें और एक बड़ा भाई , इसके अलावा इनके दो छोटे भारी और भी हैं।

शिक्षा और राजनीति :-
योगी आदित्यनाथ ने 1977 में टिहरी के गजा के स्थानीय स्कूल में पढ़ाई शुरू की और 1987 में उन्होंने दसवीं की परीक्षा पास की। इसके बाद सन् 1989 में ऋषिकेश के श्री भरत मन्दिर इण्टर कॉलेज से इन्होंने इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की और 1990 में ग्रेजुएशन की तैयारी करते हुए ये अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ गए।इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिये इन्होंनें 1992 में श्रीनगर के हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से गणित में बीएससी की परीक्षा पास की। बता दें की अजय गोरखपुर से विज्ञान स्नातकोत्तर करना चाहते थे लेकिन इनका प्रयास असफल रह गया। इसके बाद 1993 में गणित में एमएससी की पढ़ाई के दौरान अजय गुरु गोरखनाथ पर शोध करने ये गोरखपुर आए जहां उन्होंने महंत अवैद्यनाथ की शरण ली और दीक्षा प्राप्त की और इस तरह 1994 में ये पूर्ण संन्यासी बन गए, जिसके बाद इनका नाम अजय सिंह बिष्ट से योगी आदित्यनाथ हो गया।

अगर बात करें उनकी राजनीतिक यात्रा की तो वोभी काफी रोचक और सफलताओं से परिपूर्ण है:-
योगी आदित्यनाथ का राजनीतिक सफर बेहद ही कम उम्र में शुरू हुआ। 1996 में योगी आदित्यनाथ महंत अवध्यानाथ के चुनाव अभियान के प्रबंधन प्रभारी बने। इसके बाद 1998 में महज 26 वर्ष की आयू में भाजपा के टिकट पर इन्होंनें सांसदी का चुनाव लड़ा और जीत हांसिल करके 12वीं लोकसभा के सबसे युवा सांसद (गोरखपुर) बने।
इसके बाद इनका राजनीतिक जीवन आगे बड़ता गया और 1998 से 1999 तक ये सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत खाद्य आपुर्ति व नागरिक आपुर्ति की उप समिति बी में कार्यरत रहे। इसके साथ ही योगी उस वक्त गृह मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य भी रहे।

1999 में वह 13वीं लोकसभा में गोरखपुर क्षेत्र से पुनः सांसद चुने गए। इसके बाद 2004 में 14वीं लोकसभा में गोरखपुर क्षेत्र से जनता ने इन्हे तिबारा सांसद चुना । जहाँ उन्होंने सरकारी आश्वासन समिति के साथ-साथ विदेश मामलो की समिति में भी सदस्य के रूप में कार्य किया।
योगी आदित्यनाथ के कामों से प्रसन्न होकर जनता ने 2009 में 15वीं लोकसभा (चौथे कार्यकाल) के लिए गोरखपुर क्षेत्र से इन्हे पुनः सांसद चुना गया । जहाँ उन्होंने परिवहन, पर्यटन और संस्कृति संबंधी समितियों में कार्य किया।

इसके बाद सन 2014 में भारत के सोलहवें लोकसभा में ये गोरखपुर सीट से चुनाव जीत कर पुनः लोकसभा सांसद बने । इसके बाद 19 मार्च 2017 को वह उत्तर प्रदेश के 21वें मुख्यमंत्री बने और अब 37 साल का रिकॉर्ड तोड़ कर मार्च 2022 को वह दुबारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे।

लेखिका – कीर्ति गुप्ता

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