लखनऊ। सरकार अब गंभीर मरीजों के तत्काल इलाज पर फोकस करेगी. इसके लिए केयर इंडिया के तहत देश के 112 पिछड़े जिलों का चयन किया गया है, जहां पर स्वास्थ्य सेवाएं लचर हैं और अब इन्हें दुरुस्त किया जाएगा। यूपी में ऐसे 8 जिलों का चयन किया गया है, जहां के संचालित सरकारी अस्पतालों की इमरजेंसी सेवा को हाईटेक किया जाएगा। इनमें 24 बीमारियों का रिस्पांस टाइम में इलाज मिलेगा, ताकि मरीजों की मृत्यु दर को में कमी लाई जा सकेगी।

डीजी हेल्थ डॉ. वेद व्रत सिंह के मुताबिक, केंद्र सरकार के सूचकांक में 112 जिलों को पिछड़े जनपदों में दर्ज किया गया है, इसमें यूपी के 8 जनपद हैं। जिनमें चित्रकूट, सिद्धार्थनगर, बहराइच, सोनभद्र, फतेहपुर, श्रावस्ती, चंदौली और बलरामपुर है।
एआरडीएस/कोविड निमोनिया, मायोकार्डियल इन्फ्रेक्शन, सीओपीडी, स्ट्रोक, ड्रोइनिंग, एक्यूट एब्डोमिनल,एक्यूट डिहाइड्रेशन, रेस्परेटरी ट्रैक्ट, मैटरनल कंल्पलेन्ट, गन शॉट इंजरी, जीआई ब्लीड, ड्रग ओवरडोज़, डायबिटीक मेटाबोलिक इमरजेंसी, बर्न्स, नियोनेटल, एलर्जिक रिएक्शन, स्नेक बाईट आदि समस्याओं का तत्काल इलाज मिलेगा. इसके लिए संसाधन अपग्रेड किये जाएंगे। डॉक्टर-स्टाफ को भी ट्रेंड किया जाएगा।
इमरजेंसी लैब
मरीजों की तत्काल जांच के लिए इमरजेंसी लैब भी बनेगी। साथ ही हाईडिपेंडेन्सी यूनिट का भी निर्माण होगा, जिसमें ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड होंगे। इसके अलावा आइसोलेशन वार्ड भी होगा। https://gknewslive.com
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