उत्तर प्रदेश : 17 सितम्बर तक बंद हुई ईंटों की बिक्री। ऑल इंडिया ब्रिक एंड टाइल मैन्युफैक्चरर्स फेडरेशन, उत्तर प्रदेश ईंट निर्माता समिति व ईंट भट्ठा मालिकों ने एक जुट होकर ईंटों की बिक्री पर रोक लगाने का फैसला लिया है।
जानकारी के मुताबिक, भट्ठे में निर्मित लाल ईंटों पर जीएसटी दर में 240 से 600 प्रतिशत की वृद्धि को वापस लेने, भट्ठों को उचित दर का कोयला उपलब्ध करने, कोयले की सरकारी कीमत के सापेक्ष तीन गुना तक जारी ब्लैक मार्केटिंग पर अंकुश लगाने, ईंट मिट्टी निकासी के लिए मशीनों के सुलभ नीति बनाने तथा भट्ठों को नेचुरल ड्राफ्ट में परिवर्तित करने के लिए चार वर्ष का समय मिले की मांग करते हुए भट्ठा बंदी की घोषणा की गई है।
संगठन के महामंत्री मुकेश मोदी का कहा है कि, ईंट भट्ठा उद्योग के साथ मनमाना व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने बताया जो कोयला पहले सात हजार रुपये प्रति टन से 9 हजार रुपये प्रति टन में मिलता था, वह कोयला 2021-22 में 18000 रुपये प्रति टन से लेकर 27000 रुपये प्रति टन में लेने को मजबूर है।
इस वजह से ईंटों की उत्पादन लागत में भारी वृद्धि हो गई है, जिससे काफी नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि, जबतक समस्या का समाधान नहीं निकलेगा तबतक आंदोलन जारी रहेगा।