Leech Therapy: क्या कभी आपने जोंक के जरिये इलाज के बारे में सुना है ? लेकिन आज हम आपको ऐसे इलाज के बारे में बताने जा रहे हैं। इसे मेडिकल की भाषा में leech therapy या फिर जोंक थेरेपी कहते हैं। वाराणसी के इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज-बीएचयू में विशेषज्ञ इस थेरेपी के जरिये शरीर के जहरीले खून को साफ करने की प्रक्रिया को अंजाम देंगे। शनिवार को अस्पताल में इसको लेकर जलौका केंद्र का उदघाटन किया गया है। इसमें आयुर्वेद के साथ ही मार्डन मेडिसिन के डॉक्टर भी मरीजों का उपचार कर सकेंगे।
जोंक से ब्लड प्यूरीफिकेशन कैसे कार्य करता है?
जोंक से ब्लड प्यूरीफिकेशन को लीच थेरेपी कहते हैं। यह एक ब्लड प्यूरीफिकेशन ट्रीटमेंट है, जो शरीर से विषाक्त रक्त (इमप्योर ब्लड) को बाहर निकालने में सहायक है। इस प्रक्रिया के दौरान मेडिसनल लीच का उपयोग किया जाता है जो अशुद्ध रक्त को चूसती है और रक्त में कुछ एंजाइम को छोड़ती है जो इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ-साथ शरीर की हीलिंग पॉवर को बढ़ाने में सहायक होते हैं।
लीच थेरिपी कैसे की जाती है?
जोंक थेरेपी हमेशा किसी हेल्थ एक्सपर्ट की देखरेख में ही की जा सकती है। इसे कभी भी खुद से घर पर ट्राई नहीं करना चाहिए। यह हेल्थ एक्सपर्ट की तय करते हैं कि जोंक को व्यक्ति के शरीर के किस भाग पर छोड़ा जाएगा। जिसके बाद यह शरीर के एक निश्चित भाग पर छो दी जाती है। इसके बाद यह त्वचा को काट कर खून चूसना शुरू कर देती है। जब यह अपना काम पूरा कर लेती है तो इन्हें तम्बाकू की मदद से शरीर से हटा दिया जाता है। जोंक को शरीर पर कितनी देर तक के लिए रहना देना चाहिए यह भी पूरी तरह से आपके हेल्थ एक्सपर्ट ही तय कर सकते हैं। इसलिए हमेशा अपने डॉक्टर की देखरेख में ही लीच थेरिपी का फैसला लें।
जोंक कैसे खून साफ करती है?
आयुर्वेद में जोंक से ब्लड प्यूरीफिकेशन पर काफी कुछ लिखा गया है। इसे ‘ रक्तमोक्षण जलुका चरण ‘ भी कहते हैं। जेएसएस हॉस्पिटल मैसूरु की रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे जोंक/लीच हमारे लिए बेहद फायदेमंद है। ज्यादातर लोग जोंक को खतरनाक मानकर उससे दूर रहते हैं। लोग यह तो जानते हैं कि जोंक इंसानी शरीर का खून चूस लेती है, पर बहुत कम लोग जानते हैं कि जोंक सिर्फ खून से गंदा रक्त ही चूसती है। इसके मदद से खून में इंफेक्शन या शरीर के घाव जल्दी ठीक किए जा सकते हैं।