LIFESTYLE: बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। जिससे संक्रामक बीमारियां फैल रही है। खासकर आंखों का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। गंगा के तराई वाले क्षेत्रों में इस रोग की अधिकता है। इस बीमारी को ‘कंजंक्टिवाइटिस कहा जा रहा है जो आंखों को प्रभावित करती है। यह बीमार धीरे-धीरे तेजी से बढ़ रही है। हाल यह है कि हर वर्ष की तुलना में इस वर्ष ये बहुत अधिक व तेजी से फैल रहा है। रोजाना 20-30 मरीज जिला अस्पताल पहुंच रहे है।

कंजंक्टिवाइटिस को ‘पिंक आई’ इन्फेक्शन के नाम से भी जाना जाता है। इस समय बड़ी संख्या में लोग आई फ्लू का सामना कर रहे हैं। चूंकि यह एक तरह का संक्रमण है, इसलिए जो भी पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आता है। उनमें भी कंजंक्टिवाइटिस होने का खतरा बढ़ जाता है। जिला अस्पताल में तैनात नेत्र सर्जन डॉक्टर नीलम ने बताया कि कंजंक्टिवाइटिस वैसे तो कोई जानलेवा संक्रमण नहीं है।

हालांकि यह आंखों को नुकसान पहुंचाता है, इसलिए लोगों को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। कंजंक्टिवाइटिस का प्रभाव कई दिनों तक रह सकता है। इसे ‘पिंक आई’ इन्फेक्शन के नाम से भी जाना जाता है। यह बीमार किसी को तब प्रभावित करता है। जब वो किसी संक्रमित व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल की गई चीजों का इस्तेमाल करता है। अगर घर में किसी को ये बीमार होती है ये घर के अन्य सभी को भी प्रभावित कर सकती है। कंजंक्टिवाइटिस सभी उम्र के लोगों को संक्रमित कर सकता है।

क्या है इस बीमारी के लक्षण
कंजंक्टिवाइटिस से पीड़ित व्यक्ति की आंखों में खुजली के साथ लालपन व दर्द होता है वही आंखों से लगातार पानी निकलता है, आंखों में सूजन, कम दिखाई देना कभी कभार आंखों के सामने धुंधलापन छा जाता है।

बचाव के उपाय
– साफ-सफाई का रखें ध्यान
– बार-बार हाथ धोएं
– आंखों को बार-बार न छुएं
– किसी से भी अपना तौलिए, बिस्तर या रूमाल शेयर न करें
– कॉन्टैक्ट लेंस से बचें
– अपनी मर्जी से कोई भी दवा न लें
– पब्लिक स्विमिंग पूल में जाने से बचें
– संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाकर रहें
– संक्रमिक व्यक्ति की किसी भी चीज का इस्तेमाल न करें
– आंखों पर काला चश्मा लगाए

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