Gray Hair: आज कल की भाग दौड़ भरी ज़िंदगी में हर कोई इतना व्यस्त हो गया है कि किसी के पास न तो खाने का समय है और न ही सोने का ऐसे में बालों की समस्या से हर दूसरा व्यक्ति परेशान है. आजकल बाल सफेद होना एक आम समस्या बन गई है. युवाओं में तो यह दिक्कत बहुत तेजी से बढ़ ही रही है साथ ही बच्चे भी अब इसकी गिरफ्त में हैं. ऐसे में मन में ये सवाल आना सामान्य है कि आखिर कम उम्र में बाल सफेद क्यों हो रहे हैं? इस प्रश्न का उत्तर जानने के लिए आपको पहले ये जानना होगा कि बालों में कलर आता कैसे है?

सफेद बालों को नैचरली काला बनाएं?

बालों को एक बार फिर से नैचरली काला करना चाहते हैं तो इन तीन चीजों को अपनी डायट में शामिल करें और इनका हेयर मास्क बनाकर महीने में दो बार जरूर लगाएं. लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि सफेद बाल तभी काले हो सकते हैं यदि इनके सफेद होने का कारण अनुवांशिक नहीं है. गलत लाइफस्टाइल और बीमारियों के कारण अगर बाल सफेद हुए हैं तो इन्हें फिर से प्राकृतिक रूप से काला किया जा सकता है..

कड़ी पत्ता
आंवला
भृंगराज

बालों को सफेद होने से कैसे रोकें?

1– बालों को काला बनाए रखने के लिए समय पर ऑइलिंग करना बहुत जरूरी होता है. तेल लगाने से बालों को जरूरी मॉइश्चर और नैचरल हेयर कलर को ग्रो करने में मदद मिलती है.
2– मीठे फूड्स का अर्थ यह बिल्कुल नहीं है कि आप चीनी भरी हुई चीजें खाएं. बल्कि वो फूड्स खाएं, जो नैचरली मीठे होते हैं. जैसे, केला, गन्ना, अंगूर, चीकू और अन्य पके हुए फल, गुड़ इत्यादि.
3– कसैले फूड्स का अर्थ होता है, वे भोज्य पदार्थ जिनमें खट्टे-मीठे के साथ हल्का कड़वा स्वाद होता है. जैसे, आंवला, केरी, करेला, कड़ी पत्ता इत्यादि.
4– एस्ट्रिजेंट युक्त फूड्स की कैटिगरी में, कच्चा केला जिसकी सब्जी बनाकर खाई जाती है, अनार, नींबू, काबुली चना, केनबेरी और कच्ची सब्जियां इत्यादि आती हैं.
5-रात को सोने से पहले देसी गाय के शुद्ध घी की एक-एक बूंद अपनी नाक के दोनों नोस्टल में डालकर सोएं. आप इसे उंगली की मदद से नाक के अंदर लगा सकते हैं.
6– आंवला हर दिन खाएं. गर्मी में भी और सर्दी में भी, यदि आप आंवला का नियमित सेवन करते हैं तो आपके बाल नैचरली ब्लैक बने रहते हैं. आंवला का मुरब्बा पूरे साल मिलता है.
7– इन सभी कामों को यदि आप नियमित रूप से करते हैं तो आपके सफेद हो चुके बाल भी धीरे-धीरे काले हो सकते हैं. क्योंकि इन चीजों के सेवन से बालों के अंदर का मैकेनिज़म ठीक तरह से काम कर पाता है और प्राकृतिक रंग का प्रोडक्शन शुरू हो जाता है.

 

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