US-China Tariff War: वैश्विक व्यापार युद्ध एक बार फिर गर्मा गया है। अमेरिका द्वारा हाल ही में कुछ प्रमुख चीनी उत्पादों पर 145% तक का टैरिफ लगाने के बाद, चीन ने भी करारा जवाब देते हुए अमेरिकी वस्तुओं पर 125% तक का टैरिफ लगा दिया है। इस कदम से दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव और गहरा गया है।

अमेरिका का पहला कदम
पिछले सप्ताह अमेरिका ने अपने घरेलू उद्योगों को संरक्षण देने के नाम पर चीन से आयातित स्टील, इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर पैनल और बैटरी जैसी सामग्रियों पर भारी शुल्क लगाया था। इस निर्णय को “नैशनल सिक्योरिटी” का हवाला देते हुए जायज़ ठहराया गया था, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम चीन पर दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा था।

चीन का पलटवार 
जवाबी कार्रवाई करते हुए चीन ने अमेरिकी ऑटोमोबाइल, कृषि उत्पाद (जैसे सोया, मक्का), और टेक्नोलॉजी इक्विपमेंट्स पर 125% तक आयात शुल्क लागू करने की घोषणा की है। चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा है कि यह फैसला “अमेरिका की एकतरफा नीतियों” के खिलाफ है और अपने उद्योगों की रक्षा के लिए जरूरी था।

वैश्विक बाजार पर असर
दोनों महाशक्तियों के बीच इस टैरिफ युद्ध से वैश्विक बाजारों में भारी उथल-पुथल देखी जा रही है। स्टॉक मार्केट्स गिरावट की ओर हैं और निवेशकों में अनिश्चितता का माहौल है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह संघर्ष और बढ़ता है, तो इसका असर विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा।

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