अयोध्या: उत्तर प्रदेश पर्यटन के क्षेत्र में असीम संभावनाओं को लेकर बहुत तेजी से विकास कर रहा है। काशी में शुरू हुई क्रूज सेवा कल यानि 8 सितंबर को मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या को प्रणाम करेगी और यहां मौजूद पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह हरी झंडी दिखाकर आगे के लिए रवाना करेंगे। जल्द ही यह सेवा भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा और तीर्थराज प्रयागराज तक पहुंच सकती है।
घरेलू पर्यटन में प्रथम स्थान बना चुके उत्तर प्रदेश का प्रयास न केवल विदेश से आने वाले पर्यटकों में भी अव्वल होना बल्कि विश्व में परचम लहराना है। मौजूदा समय में प्रदेश को जो ख्याति प्राप्त हुई है उसके मूल में पिछले छह सालों में किए गए अथक प्रयास हैं। पर्यटन विभाग ने सब्सिडी देकर काशी में क्रूज का संचालन शुरू कराया। अलकनंदा क्रूज लाइंस ने गंगा में क्रूज उतारा था। इस समय चार क्रूज संचालित हो रहे हैं। यहां गंगा आरती के समय शाम को लोगों को भ्रमण कराया जाता है।
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कैसा है जटायु क्रूज बोट, क्या खासियत…
अयोध्या क्रूज लाइंस की ओर से संचालित दो तल का यह जटायु क्रूज बोट 45 फीट लंबा और 15 फीट चौड़ा है। इसमें दो इंजन लगे है। इसका निर्माण गुजरात में हुआ है। वहां से दिल्ली और दिल्ली से अयोध्या लाया गया है। वातानुकूलित क्रूज में भ्रमण के दौरान लोगों को टीवी के जरिये मर्यादापुरुषोत्तम श्रीराम के जीवन और जन्मस्थली के बारे में बताया जाएगा। साथ ही यहां की संस्कृति से भी अवगत कराया जाएगा। क्रूज में सी हास्टेस भी रहेंगी जो पर्यटकों का स्वागत करेंगी।
“पर्यटन के क्षेत्र में कनेक्टिविटी का बहुत महत्व है। जितनी अच्छी कनेक्टिविटी रहेगी, पर्यटकों को उतनी सुविधा होगी। इसीलिए कनेक्टिविटी पर फोकस है। काशी के बाद अयोध्या में क्रूज का संचालन शुरू हो रहा है। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा”