राजस्थान: प्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनाव में अब भाजपा के सहयोगी दलों ने भी मुश्किलें बढ़ा दी है. बता दें कि NDA के सहयोगी तीन दलों ने राजस्थान के सियासी अखाड़े में अपने उम्मीदवार उतारकर भाजपा के वोट बैंक में सेंधमारी की पटकथा लिख दी है. हरियाणा में खट्टर सरकार में JJP शामिल है मगर राजस्थान में उसने अपने उम्मीदवार उतार दिए है.
वहीँ, दूसरी तरफ मोदी के हनुमान कहे जाने वाले लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान ने भी राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार उतार दिए है. महाराष्ट्र में भाजपा के समर्थन से एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बनने में कामयाब हुए थे मगर शिवसेना का शिंदे गुट भी राजस्थान के सियासी अखाड़े में कूद पड़ा है. इसी तरह विधानसभा चुनाव में NDA के सहयोगी दलों के बीच तालमेल बिगड़ता दिख रहा है.
गौरतलब है कि राजस्थान में विधानसभा चुनाव में पिछले कई दशकों के जारी सत्ता परिवर्तन पर कांग्रेस लगाम लगाने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस राज्य की सभी सीटों पर पूरी ताकत लगाए हुए है. वहीँ, प्रदेश की जनता से लोक लुभावन वादे किये जा रहे है.
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लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान खुद को पीएम मोदी का हनुमान बताते रहे हैं मगर राजस्थान के विधानसभा चुनाव में उन्होंने 12 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए है. वहीँ, कहा जा रहा है कि पार्टी की तरफ से अभी कई और उम्मीदवार उतारे जा सकते हैं.