Citizenship Amendment Act: नागरिकता संशोधन नियम (CAA) कानून के खिलाफ याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट (19 मार्च 2024) को सुनवाई करेगा। करीब 237 याचिकाओं में उस कानून को लागू करने के केंद्र सरकार के फैसले पर रोक लगाने की मांग की गयी है कि जब तक सुप्रीम कोर्ट नागरिकता (संशोधन) की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला नहीं कर लेती.

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट में यह दलील दी थी कि, एक बार प्रवासी हिंदुओं को भारतीय नागरिकता प्रदान कर दी गई है, तो उसे वापस नहीं लिया जा सकता, इसलिए इस पर जल्द से जल्द सुनवाई जरूरी है, जिस पर 15 मार्च 2024 को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने ध्यान दिया था और आज 19 मार्च को सुनवाई का फैसला लिया था.

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दरअसल, जैसे ही केंद्र सरकार की ओर से सीएए को लागू किया गया, उसके एक दिन बाद ही केरल में सक्रिय राजनीतिक दल इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) ने इसे न लागू करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, IUML ने मांग की है कि विवादित कानून और नियमों पर रोक लगाई जाए और मुस्लिम समुदाय के उन लोगों के खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाए जो इस कानून के लाभ से वंचित हैं.

 

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