लखनऊ: स्वास्थ्य विशेषज्ञ लोगों को सलाह देते हैं कि मौसम के अनुरूप उन्हें अपनी डाइट में भी बदलाव करना चाहिए। आसान शब्दों में कहें तो मौसमी फल और सब्जियों को डाइट में शामिल करने से कई स्वास्थ्य परेशानियों को दूर किया जा सकता है। यूरिक एसिड का बढ़ना भी एक ऐसी ही समस्या है जो दूसरी बीमारियों का कारण भी बनती है। शरीर में इसका स्तर ज्यादा होने से गठिया, जोड़ों में दर्द, बीपी, किडनी रोग जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। हालांकि, एक्सपर्ट्स मानते हैं कि कुछ मौसमी तरल पदार्थों के सेवन से इसे कंट्रोल किया जा सकता है। आइए जानते हैं
धनिया का जूस: धनिया में भरपूर मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो शरीर में मौजूद फ्री रैडिकल्स से लड़ने में मददगार साबित होते हैं। इसमें डाइ-यूरेटिक गुण होते हैं जो किडनी संबंधी रोग के खतरे को कम करते हैं। साथ ही, धनिया के बीजों में पाया जाने वाला तत्व अपने एंटी-इंफ्लामेट्री गुण के कारम जाना जाता है। ये हाथ-पैर के सूजन को कम करने में सहायक है.
खीरे का जूस: खीरे में प्यूरीन की मात्रा न के बराबर होती है, बता दें कि ये प्रोटीन शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होता है। ऐसे में खीरे का सेवन यूरिक एसिड के मरीजों के लिए लाभकारी है। साथ ही, इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट भी होता है। खीरे को मिक्सी में अच्छे से पीस लें फिर उसमें 1 गिलास पानी, काला नमक व बर्फ मिलाएं। अब इस ठंडे जूस का आनंद उठाएं।
टमाटर सूप: यूरिक एसिड के स्तर को कंट्रोल करने के लिए विटामिन-सी युक्त फूड्स खाना मददगार साबित हो सकता है। इसमें कई तरह के एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं जो गठिया के कारण होने वाली दिक्कतों को कम करते हैं। साथ ही जोड़ों में दर्द और सूजन को कम करने में भी ये सहायक है। आप टमाटर का सूप पी सकते हैं।
नींबू पानी: नींबू शरीर में मौजूद एक्स्ट्रा यूरिक एसिड को बाहर निकालने में मददगार साबित हो सकता है। इसमें भरपूर विटामिन-सी मौजूद होता है, साथ ही नींबू में सिट्रिक एसिड भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। ये यूरिक एसिड को डिसॉल्व होने में मदद करता है। खाली पेट एक गिलास गुनगुने पानी में नींबू का रस मिलाकर नियमित रूप से पीयें। ध्यान रखें कि इसमें स्वाद के लिए काला नमक मिला सकते हैं लेकिन चीनी मिलाने से बचें।