NEET UGC-NET PAPER LEAK: पूरे देश में NEET और UGC-NET पेपर लीक मुद्दे पर सियासत तेज हो गई है. पेपर लीक मामले में राहुल गाँधी ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की और उन्होंने जमकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा। राहुल गाँधी ने कहा देश के प्रधानमंत्री पेपर लीक मामलों को क्यों नहीं रोक पा रहे हैं, वह देश के लाखों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. राहुल ने कहा इस मामले में जो भी दोषी हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। मेहनती छात्रों के साथ धोखा हुआ है।
आज एक संगठन ने शिक्षा के सिस्टम को कैप्चर कर लिया है। वे हर पोस्ट पर अपने ही लोगों को बैठाते हैं। हमें इस सिस्टम को रिवर्स करना होगा।
कांग्रेस ने अपने मैनिफेस्टो में लिखा था-
पेपर लीक होने के बाद कार्रवाई करने के साथ ही, पेपर लीक रोकने के लिए सिस्टम को री-डिजाइन करना भी बेहद… pic.twitter.com/u1FmksoJke
— Congress (@INCIndia) June 20, 2024
NEET और UGC-NET पेपर लीक मुद्दे पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि हम संसद में इस मुद्दे को उठाएंगे। श्री गांधी ने नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा उन्होंने तो यूक्रेन की लड़ाई रोक दी थी। इजराइल और गाजा की लड़ाई भी रोक दिया था। लेकिन हिन्दुस्तान में जो पेपर लीक हो रहे हैं उसे नरेंद्र मोदी नहीं रोक पा रहे या फिर रोकना नहीं चाहते।
राहुल ने कहा प्रधानमंत्री पेपर लीक को क्यों नहीं रोक पा रहे
नीट पर हंगामे और यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द होने पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा है कि पीएम मोदी पेपर लीक को नहीं रोक पा रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा कि भारत में पेपर लीक होने बंद होने चाहिए। राहुल गांधी ने कहा कि पेपर लीक के गुनहगारों को तलाश कर उनपर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के दौरान हजारों छात्रों ने पेपर लीक की शिकायत की थी। अब देश में NEET और UGC-NET के पेपर लीक हुए हैं।
दावा किया जाता है कि नरेंद्र मोदी युद्ध रुकवा देते हैं, लेकिन वे पेपर लीक नहीं रुकवा पा रहे हैं या फिर वे पेपर लीक रोकना नहीं चाहते।
मध्य प्रदेश में… pic.twitter.com/qK9moprUea
— Congress (@INCIndia) June 20, 2024
राहुल गाँधी ने कहा संसद में उठाएंगे मुद्दा
राहुल गाँधी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा संसद में NEET मुद्दा और यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द करने का मुद्दा उठाएंगे, साथ ही देश की सरकार से जवाब भी मांगेंगे। राहुल गांधी ने कहा कि संस्थानों में विचारधारा के आधार पर नियुक्तियां की जा रही हैं। इसी कारण ये समस्याएं सामने आ रही हैं।