US-China Tariff War: दुनियाभर की अर्थव्यवस्था इन दिनों बड़े बदलावों के दौर से गुजर रही है। ऐसे में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर धमाकेदार बयान देकर वैश्विक बाज़ारों में हलचल मचा दी है। ट्रंप ने घोषणा की है कि अगर वह दोबारा राष्ट्रपति बनते हैं, तो चीन से आने वाले उत्पादों पर 125% तक का टैरिफ (आयात शुल्क) लगा देंगे। इस बयान के बाद न केवल चीन के शेयर बाज़ारों में गिरावट देखी गई, बल्कि चीनी मुद्रा युआन भी बुरी तरह प्रभावित हुई है।
युआन का 18 साल का रिकॉर्ड टूटा
ट्रंप के बयान के बाद विदेशी मुद्रा बाज़ार में चीनी युआन की वैल्यू में भारी गिरावट आई है। यह गिरावट पिछले 18 वर्षों में सबसे बड़ी बताई जा रही है। इससे स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि चीन की अर्थव्यवस्था पहले से ही दबाव में है, और ऐसे बयान उसे और नुकसान पहुँचा सकते हैं।
इसके असर क्या हो सकते हैं?
1. वैश्विक व्यापार पर असर
चीन और अमेरिका दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं। इनके बीच व्यापारिक तनाव बढ़ने से ग्लोबल सप्लाई चेन प्रभावित हो सकती है, जिससे दुनियाभर में महंगाई बढ़ सकती है।
2. भारत के लिए मौका
भारत जैसे देशों को इस टकराव में बदलते व्यापारिक समीकरणों का फायदा मिल सकता है। अमेरिका और यूरोप अब वैकल्पिक आपूर्तिकर्ताओं की तलाश कर सकते हैं, और भारत एक विश्वसनीय विकल्प बन सकता है।
3. निवेशकों में घबराहट
शेयर बाज़ार और करेंसी मार्केट में अनिश्चितता बढ़ेगी। निवेशक ऐसी परिस्थितियों में रिस्क लेने से कतराते हैं।