UP: 1 जुलाई 2024 से देश में तीन नए कानून लागू हो गए हैं। जिसके बाद अब देश में ब्रिटिशकाल के भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही अब छह अपराधों में सजा के तौर पर कम्युनिटी सेवा का प्रावधान भी किया गया है।

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हालाँकि, इस कानून का असर पुराने मामलों पर नहीं होगा। यानी जो केस 1 जुलाई 2024 से पहले दर्ज हुए हैं, उनकी जांच से लेकर ट्रायल तक पुराने कानून का हिस्सा होगी। इस मामलों में नया कानून कुछ नहीं कर सकता है। वहीँ एक जुलाई से जो भी मामले दर्ज किये जाएंगे वो सभी नए कानून के तहत ही दर्ज होंगे और उन्ही के अनुसार लोगो का ट्रायल और सजा सुनाई जाएगी। 51 साल पुराने सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) लेगी। पहले CrPC में 484 धाराएं थीं, लेकिन अब BNSS में कुल 531 धाराएं हैं, इसके 177 प्रावधानों में संशोधन किया गया है। जबकि 14 धाराओं को हटा दिया गया है, 9 नई धाराएं और 39 उप धाराएं जोड़ी गई हैं।

भारतीय न्याय अधिनियम (BNS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) में हुआ बदलाव:-

भारतीय दंड संहिता की जगह भारतीय न्याय अधिनियम (BNS) लाया गया है। पहले आईपीसी में 511 धाराएं थीं लेकिन इसमें कुल 357 धाराएं ही हैं। इसी तरह भारतीय साक्ष्य अधिनियम में कुल 170 धाराएं हैं। नए कानून में 6 धाराओं को हटा कर 2 नई धाराएं और 6 उप धाराएं जोड़ी गई हैं, पहले इंडियन एविडेंस एक्ट में कुल 167 धाराएं थीं। इन कानूनों के बाद महिलाओं से जुड़े ज्यादातर अपराधों में पहले से ज्यादा सजा मिलेगी।

इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भी मिलेगी सूचना:

नए कानून में ऑडियो-वीडियो यानी इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य पर जोर दिया गया है। इलेक्ट्रॉनिक सूचना से भी FIR दर्ज हो सकेगी। कोई भी नागरिक अपराध के सिलसिले में कहीं भी जीरो FIR दर्ज करा सकेगा। इन कानूनों में फॉरेंसिंक जांच को अहमियत दी गई है। हत्या, लूट या रेप जैसी गंभीर धाराओं में भी ई-एफआईआर हो सकेगी। फरियादी चाहे तो पुलिस द्वारा आरोपी से हुई पूछताछ के बिंदु भी ले सकता है। FIR के 90 दिन के भीतर चार्जशीट दाखिल करनी जरूरी होगी। वहीँ चार्जशीट दाखिल होने के 60 दिनों के अंदर कोर्ट आरोप तय कर सजा देगी।

जानिए भारतीय न्याय संहिता (BNS) में क्या कुछ है नया:-

@302 (हत्या) की जगह होगी_103

@307 (हत्या का प्रयास)_109

@323 (मारपीट) 115

@354(छेड़छाड़) की जगह_74

@354ए (शारीरिक संपर्क और आगे बढ़ना)_76

@354बी (शारीरिक संस्पर्श और अश्लीलता)_75

@354सी (ताक-झांक करना)_77

@354डी (पीछा करना)_78

@363 (नाबालिग का अण्डरण करस)_139

@376 (रेप करना)_64

@392 (लूट करना)_309

@420 (धोखाधड़ी)_318

@506 (जान से मारने की धमकी देना)_351

@304ए (उपेक्षा द्वारा मृत्यु कारित करना)_106

@304बी (दहेज हत्या)_80

@306 (आत्महत्या के लिए उकसाना)_108

@509(आत्महत्या का प्रयास करना)_79

@286(विस्फोटक पदार्थ के बारे में उपेक्षापूर्ण आचरण)_287

@294( गाली देना या अभद्र इशारे करना)_296

@509 (लज्जा भंग करना)_79

@324 (जानबूझकर चोट पहुंचाना)_118(1)

@325 (गम्भीर चोट पहुंचाना)_118(2),

@353 (लोकसेवक को डरा कर रोकना)_121

@336 दूसरे के जीवन को खतरा पहुंचाना_125

@337 (मानव जीवन को खतरे वाली चोट पहुंचाना)_125(ए)

@338 (मानव जीवन को चोट पहुँचाना)_125(बी)

@341 (किसी को जबरन रोकना)_126

@447 (अपराधिक अतिवार_329(3)

@448 (गृह अतिचार के लिए दंड)_329(4)

@382 (चोरी के लिए मृत्यु क्षति)_304

@493 (दूसरा विवाह करना)_82

@495ए (पति या उसके रिश्तेदार द्वारा क्रूरता)_85

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