Jitiya Vrat 2024: जितिया को जीवित्पुत्रिका व्रत के भी नाम से जाना जाता है। इस व्रत को महिलाएं अपने बेटे की लंबी उम्र के लिए करती है। साथ ही बेटे के सुखी जीवन के लिए भी ये व्रत किया जाता हैं। महिलाएं बिना अन्न-जल का सेवन किये ही इस व्रत को रखती है। यानी कि निर्जला व्रत रखती है।

हिंदू धर्म में जितिया व्रत का है बड़ा महत्व

हिंदू धर्म में जितिया व्रत का बेहद खास महत्व होता है। पंचांग के अनुसार ये व्रत आश्विन कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन रखा जाता है। सभी व्रती महिलाएं इसकी शुरूआत नहाय-खाय से करती है। जिसके बाद से व्रत का पारण किया जाता है। इसका भी काफी बड़ा महत्व होता है। बता दें, जितिया व्रत की शुरूआत से एक दिन पहले ही महिलाएं नहाय-खाय की परंपराओं को बड़े ही रीति-रिवाजों के साथ मनाती है।

बेटे की लंबी उम्र की व्रतियां करती है कामना 

हालांकि, नहाय-खाय की परंपरा कई जगहों पर अलग-अलग बताई जा रही है। नहाय-खाय की परंपरा के लिए कई प्रकार के स्वादिष्ट भोजन बनाया जाता हैं। वहीं सभी व्रतियां एक समय ही सात्विक भोजन करती है। इस व्रत में कुछ जगहों पर मछली खाने की भी मान्यता है। आपको बता दें, पंचांग के अनुसार, इस बार 25 सितंबर को महिलाएं जितिया का पूरे दिन व्रत रखेंगी, जिसके बाद 26 सितंबर को पारण करके अपने व्रत का समापन करेंगी। वहीं पारण करने से पहले व्रती स्नान कर विधि-विधान से पूजा-पाठ करती है, जहां अपने बेटे की लंबी उम्र की कामना भी करती है।

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