धर्म कर्म; भारी तकलीफ से बचने के लिए इशारे में गहरी बात बताने समझाने वाले, इस समय के पूरे समरथ सन्त सतगुरु दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि कर्म बहुत तरीके से आते हैं। समय-समय पर बताया जाता है लेकिन उसको आप लोग करते नहीं हो। जुबान का स्वाद बहुत बढ़ गया। बाजार की चीजों को बहुत लोग पसंद करने लग गए। लड़के घर पर खाना खाना पसंद नहीं करते। इनको तो बाजार की चीज ही चाहिए। उसमें क्या पड़ा है, किस चीज का बना है, किसने बनाया है, इसका किसी को पता है? क्योंकि अदृश्य है वो चीज।

खाने वाली चीज़ों में अदृश्य शक्तियों का प्रभाव

अदृश्य यानी जो इन आंखों से देखा नहीं जा सकता है। अदृश्य शक्ति कहते है ताकत को। आदमी के अंदर साधारण ताकत होती है लेकिन कभी-कभी लड़का बहुत जिद करता है, कंट्रोल से बाहर हो जाता है। यह तंदुरुस्त माताएं, पहलवान पिता भी उसको रोक नहीं पाते, हार जाते हैं। बच्चे के अंदर उस अदृश्य ताकत को आप देख नहीं पाते हो। वह क्या खाता है, क्या पसंद करता है। कुछ बच्चे जिद्दी होते हैं। मनपसंद चीज मिलने पर ही मानेंगे। जिसके अंदर अदृश्य शक्ति है, उसको अगर वह चीज भा गई, रबड़ी, मलाई या खुशबू वाली चीज तो पहले वह खाएगा। जूठा उसने किया तो उसका जूठा जब आप खाओगे तो उसका असर (आप पर भी) आएगा।

खुद और बच्चों को सिखाए स्वच्छता और शुद्धता की पहचान

आजकल परेशानियों की जड़ है यह सब। यह चीजें खोलकर नहीं बताई जाती हैं। आज आपको बता रहा हूं। आप लोग समझदार, शहर के लोग, पढ़े-लिखे। गांव के बहुत से लोग समझ नहीं पाते हैं। कोई किसी का जूठा क्यों नहीं खाता है? कि किसके अंदर क्या बीमारी रोग हो, वह हमारे अंदर आ जाए, वह चीज न बच्चे और न आप लोग समझ पाते हो। बस, बढ़िया दावत खाने को मिल जाए। कौन लाया, कैसा बनाने वाला है, क्या है, बनाने वाले ही जूठा कर देते हैं। नाक साफ कर लिया, ऐसे मुंह पौंछ लिया उसी हाथ से बनाने लगते हैं, आटा गूथने लगते हैं, पसीना गिर जाता है, खांसी आ गयी तो थूक भी उस (खाने) में पड़ गया। यह सब चीज कैसी है, क्या है, आप लोग देखते नहीं हो। उसके ज्यादा कर्म आएगा कि नहीं आएगा? मन बुद्धि उसी तरह से होगी कि नहीं होगी? समझो, सावधानी बरतो।

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