Lucknow: लखनऊ में पुलिस हिरासत में मोहित पांडेय की मौत का मामला रविवार को और भी ज्यादा बढ़ गया है। परिजन और समर्थकों ने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में लोग मंत्री आवास रोड की ओर जाने का प्रयास कर रहे थे, जिन्हें रोकने के लिए पुलिस ने मोर्चा संभाला। इस पर भीड़ आक्रोशित हो गई और हंगामा शुरू हो गया। पुलिस प्रदर्शनकारियों को शांत करने का प्रयास कर रही है।
घटना का पृष्ठभूमि:
शनिवार को नई बस्ती जैनाबाद के निवासी व्यापारी मोहित पांडेय की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। बताया गया कि, शुक्रवार रात को मारपीट की सूचना पर चिनहट पुलिस ने मोहित को थाने ले जाकर रातभर हिरासत में रखा। शनिवार को जब उनकी तबीयत बिगड़ गई तो उन्हें लोहिया अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने मोहित को हिरासत में पीटा, जिससे उनकी मृत्यु हो गई।
सपा नेत्री पूजा शुक्ला की गिरफ्तारी:
रविवार को सपा नेत्री पूजा शुक्ला भी पीड़ित परिवार से मिलने जा रही थीं, जिन्हें पुलिस ने रोकने का प्रयास किया। जब उन्होंने रुकने से इनकार किया, तो महिला पुलिसकर्मियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया। पूजा शुक्ला ने इस दौरान पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह ब्राह्मण समाज का अपमान है और उन्हें अपने भाई से मिलने नहीं दिया जा रहा है।
मामले की घटनाएँ को लेकर विवाद:
मोहित टाई बेल्ट का व्यवसाय करते थे और गोंडा निवासी आदेश उनके यहां टाई की सप्लाई का काम देखता था। मोहित के चचेरे भाई ऋषि पांडेय ने बताया कि, आदेश के साथ पैसों को लेकर कई बार विवाद हुआ था। शुक्रवार को भी आदेश और मोहित में कहासुनी और हाथापाई हुई थी, जिसके बाद आदेश ने पुलिस को सूचना दी और रात 9:30 बजे पुलिस मोहित को उनके घर से उठाकर ले गई।
मोहित के भाई को भी हिरासत में लिया गया:
मोहित को थाने ले जाने की खबर मिलने पर उनके बड़े भाई शोभाराम कोतवाली पहुंचे और मोहित को छोड़ने की गुहार लगाई। परिवार का आरोप है कि पुलिस ने शोभाराम को भी लॉकअप में डाल दिया और उन पर शांति भंग की धारा में मामला दर्ज कर लिया।