51stChiefJusticeofIndia: जस्टिस संजीव खन्ना ने आज (13 नवंबर 2024) को भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। उन्होंने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से शपथ ग्रहण किया। इससे पहले, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 को रिटायर हुए थे, और जस्टिस खन्ना के नाम की सिफारिश भी उन्हीं ने की थी। जस्टिस खन्ना का कार्यकाल 6 महीने का होगा, जो 13 मई 2025 तक चलेगा।

सुप्रीम कोर्ट में अपने कार्यकाल के दौरान, जस्टिस संजीव खन्ना ने कई ऐतिहासिक फैसलों में भाग लिया। इनमें EVM की पवित्रता को बनाए रखना, चुनावी बांड योजना को असंवैधानिक घोषित करना, अनुच्छेद 370 को निरस्त करना और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देना शामिल है।

जस्टिस खन्ना का न्यायिक सफर काफ़ी प्रेरणादायक है। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर से कानून की पढ़ाई की थी और दिल्ली हाईकोर्ट में वकील के रूप में अपना करियर शुरू किया। वे दिल्ली उच्च न्यायालय से सीधे सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त हुए, जो एक असामान्य और महत्वपूर्ण घटना है। जस्टिस खन्ना के चाचा, जस्टिस हंस राज खन्ना, सुप्रीम कोर्ट के एक प्रतिष्ठित न्यायाधीश रहे हैं, जिन्होंने 1976 में बंदी प्रत्यक्षीकरण मामले में असहमति का निर्णय दिया था, जो भारतीय न्यायपालिका का ऐतिहासिक फैसला था।

उनका कार्यकाल सुप्रीम कोर्ट में काफ़ी प्रभावशाली रहा है। जस्टिस खन्ना ने 456 पीठों में हिस्सा लिया और 117 फैसले लिखे। वे 65 वर्ष की आयु में 13 मई 2025 को रिटायर होंगे। उनके परिवार की न्यायिक विरासत और उनकी कानूनी समझ, दोनों ही उनके कार्यकाल को विशेष बनाती हैं, और यह भारत की न्यायिक व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है।

 

 

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