UP: संभल की जामा मस्जिद (Sambhal Jama Masjid) के मामले में कोर्ट कमिश्नर रमेश सिंह राघव ने सोमवार को अदालत में सर्वे रिपोर्ट पेश करने के लिए पंद्रह दिन का अतिरिक्त समय मांगा है। उन्होंने कहा कि उनकी तबीयत खराब होने के कारण वे रिपोर्ट पूरी तरह तैयार नहीं कर सके। इस पर विपक्ष के वकील शकील वारसी ने आपत्ति जताई और रिपोर्ट तुरंत पेश करने की मांग की।
न्यायालय की कार्रवाई:-
सिविल जज सीनियर डिवीजन चंदौसी की अदालत ने विपक्षी वकील से अपनी आपत्ति लिखित रूप में दाखिल करने को कहा। यह मामला 19 नवंबर को तब शुरू हुआ, जब कैला देवी मंदिर के महंत ऋषिराज गिरी और अन्य सात वादकारियों ने शाही जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर होने का दावा करते हुए वाद दायर किया।
कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति और सर्वेक्षण:-
अदालत ने अधिवक्ता रमेश सिंह राघव को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर मस्जिद का सर्वे करने का आदेश दिया। उन्होंने जिला प्रशासन और सुरक्षा बलों की मौजूदगी में सर्वे किया। 24 नवंबर को जब कोर्ट कमिश्नर दूसरी बार सर्वे के लिए पहुंचे, तो हिंसा भड़क उठी। इस घटना में पांच लोगों की जान चली गई और कई पुलिसकर्मी घायल हुए।
रिपोर्ट पेश करने की देरी:-
इस हिंसा के बाद, 29 नवंबर को सर्वे रिपोर्ट पेश की जानी थी, लेकिन कोर्ट ने दस दिन का अतिरिक्त समय दिया। इसके बाद, सोमवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह की अदालत में रिपोर्ट पेश की जानी थी। सोमवार सुबह 11 बजे कोर्ट कमिश्नर ने अदालत में पंद्रह दिन का और समय मांगा। इस पर विपक्ष के अधिवक्ता ने आपत्ति जताई। अदालत ने शाम 4 बजे तक इस पर निर्णय सुनाने की संभावना जताई है। न्यायालय परिसर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रही और प्रवेश के लिए चेकिंग की गई।