यूरिक एसिड, जो प्यूरीन के टूटने से ब्लड में उत्पन्न होता है, एक तरह का वेस्ट प्रोडक्ट है जो आमतौर पर मूत्र के माध्यम से बाहर निकल जाता है। लेकिन जब यह मूत्र द्वारा शरीर से बाहर नहीं निकल पाता, तो यह शरीर में जमा हो जाता है, जिससे हाइपरयुरिसीमिया की समस्या उत्पन्न होती है। इसका परिणाम शरीर में सूजन, दर्द, जोड़ों की समस्याएं और किडनी में पथरी जैसी परेशानियों के रूप में सामने आता है।

सर्दियों में मिलने वाली मूली यूरिक एसिड को कम करने में मदद कर सकती है। जब आपका यूरिक एसिड बढ़ा हुआ हो, तो आहार पर ध्यान देना बहुत जरूरी होता है, क्योंकि यह खानपान की लापरवाही से बढ़ता है। सर्दी में हरी सब्जियां जैसे पालक, मेथी, आलू और मूली आसानी से बाजार में उपलब्ध होती हैं। मूली का सेवन इन समस्याओं को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है।

मूली में बायोएक्टिव यौगिक पाए जाते हैं, जो प्यूरीन के संचय को रोकने में मदद करते हैं। यह ऑक्सालेट स्टोन को कम करने में भी सहायक होती है और शरीर से उन्हें बाहर निकालने में मदद करती है। इसके अलावा, मूली में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं।

मूली का साग भी बहुत फायदेमंद होता है, क्योंकि यह पेट से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। इससे पेट में जमा गंदगी मल और मूत्र के जरिए बाहर निकल जाती है, जिससे यूरिक एसिड का स्तर नियंत्रित रहता है। मूली का नियमित सेवन रक्त शर्करा को भी नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है।

इसलिए, यदि आप यूरिक एसिड की समस्या से परेशान हैं, तो सर्दियों में मूली का सेवन आपके लिए लाभकारी हो सकता है।

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