Lucknow: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नगर निगम अवैध तरीके से रह रहे लगभग पौने दो लाख बांग्लादेशियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की योजना बना रहा है। नगर निगम ने 110 वार्डों का सर्वेक्षण किया है, जिसमें 7,335 अवैध झुग्गियों की पहचान की गई है। इन झुग्गियों को जल्द ही तोड़ा जाएगा, और पूरी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।
अवैध प्रवासियों की बढ़ती संख्या
लखनऊ की मेयर सुषमा खर्कवाल ने शुक्रवार को कहा कि शहर में अवैध प्रवासियों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है, जो लोकतंत्र और देश की सुरक्षा के लिए खतरा है। इन झुग्गियों में रहने वाले 30,607 लोग मुख्य रूप से कूड़ा उठाने के काम से जुड़े हैं। मेयर ने बताया कि ये लोग अवैध तरीके से पटरियों के किनारे बसे हुए हैं और वहीं के पते पर अपने आधार कार्ड बनवा चुके हैं। मौजूदा समय में लखनऊ में लगभग पौने दो लाख बांग्लादेशी रह रहे हैं, और आने वाले 10 वर्षों में यह संख्या और बढ़ सकती है, जिससे स्थिति और गंभीर हो जाएगी।
दिन में सफाई, रात में चोरी
मेयर ने आरोप लगाया कि ये लोग दिन में सफाई और सब्जी बेचने का काम करते हैं, जबकि रात में चोरी जैसी आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त हो जाते हैं। अवैध ठेला लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई में हिंसक प्रतिक्रिया मिलने की भी शिकायत की गई। नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने कहा कि, नगर निगम के पास पर्याप्त संसाधन हैं और शहर को बेहतर बनाने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे। झुग्गियों का सर्वे कर वहां रहने वालों का पुनर्वास किया जाएगा। पात्र लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान दिए जाएंगे।
भीख मांगने और संसाधनों पर दबाव
सर्वे रिपोर्ट: डूडा और एक एनजीओ द्वारा किए गए सर्वे में पाया गया कि शहर में 2,400 लोग भीख मांगते हैं।
सुरक्षा के लिए खतरा: भीख मांगने वाले गाड़ियों पर स्क्रैच कर देते हैं और स्थानीय लोगों के संसाधनों पर दबाव डालते हैं।
फुटओवर ब्रिज के नीचे: 99 से अधिक लोग गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं।
नगर निगम ने शहर में कूड़ा प्रबंधन को लेकर भी योजनाएं बनाई हैं।
1,500 वाहन डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने में लगे हैं।
नए टीसीडीएस (ट्रांसफर स्टेशन) बनाए जाएंगे।
टोल फ्री नंबर जारी किया जाएगा ताकि कूड़ा प्रबंधन में पारदर्शिता हो।
अभियान की शुरुआत
यह अभियान मंगलवार सुबह 9 बजे से नगराम क्षेत्र से शुरू किया जाएगा। सभी संबंधित विभाग इस अभियान को मिलकर अंजाम देंगे, ताकि शहर को अवैध गतिविधियों और झुग्गियों से मुक्त किया जा सके।