Mahakumbh 2025: सोमवार को फाल्गुन कृष्ण पंचमी तिथि पर बिना किसी विशेष मुहूर्त के भी संगम तट पर आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा। भोर होते ही संगम की ओर जाने वाले सभी मार्ग श्रद्धालुओं से भर गए। प्रयागराज जंक्शन, रामबाग, और झूंसी रेलवे स्टेशनों पर पैर रखने तक की जगह नहीं बची। मेले से लौटने वालों से अधिक संगम तट पर पहुंचने वाले स्नानार्थियों की संख्या रही।
सड़कों पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब:-
महाकुंभ की ओर जाने वाली हर सड़क पर केवल श्रद्धालुओं का रेला दिखाई दिया। गठरी और झोला लिए भक्तों की भीड़ संगम की ओर बढ़ती रही, जिससे मार्गों पर मौनी अमावस्या जैसा नज़ारा बन गया। आस्था का यह प्रवाह पूरे दिन अनवरत जारी रहा। मेला प्रशासन के अनुसार, दोपहर दो बजे तक करीब एक करोड़ श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगा चुके थे। अब तक कुल मिलाकर लगभग 54 करोड़ भक्त पवित्र त्रिवेणी में स्नान कर चुके हैं। सोमवार को भी संगम क्षेत्र में इतनी भीड़ थी कि तिल रखने तक की जगह नहीं बची।
रास्तों पर बैरिकेडिंग और यातायात नियंत्रण:-
भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन को संगम जाने वाले सभी मार्गों पर बैरिकेडिंग करनी पड़ी। सुबह 10 बजे जब भीड़ अधिक बढ़ गई, तो पुलिस ने केंद्रीय अस्पताल की ओर जाने वाले रास्ते को भी बंद कर दिया। आधी रात के बाद श्रद्धालुओं की भीड़ और अधिक बढ़ गई, जिसके चलते शहर की सीमा पर वाहनों की आवाजाही रोक दी गई। संगम जाने वाले हर रास्ते पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा और पूरी रात भक्ति की लहरें हिलोरें मारती रहीं।
भक्ति से ओतप्रोत संगम तट:-
संगम पर अपार भीड़ को देखते हुए मेला प्रशासन ने लगातार अपील की कि श्रद्धालु घाटों पर अत्यधिक भीड़ न करें। लेकिन फिर भी घाटों पर भक्तों की भारी उपस्थिति देखी गई। कोई सिर पर गठरी लिए, कोई कंधे पर झोला-बोरा टांगे, तो कोई दंड-कमंडल उठाए संगम की ओर बढ़ रहा था। पूरे मार्ग पर जय गंगा मैया, हर-हर महादेव और जय श्रीराम के गगनभेदी जयघोष गूंजते रहे। स्थानीय लोग भी श्रद्धालुओं की सेवा और सहायता में कोई कसर नहीं छोड़ रहे थे।
स्टेशन से लेकर मेले तक अपार भीड़:-
रेलवे स्टेशनों से लेकर मेला क्षेत्र तक केवल भीड़ ही भीड़ नजर आ रही थी। रविवार को छुट्टी के कारण अत्यधिक भीड़ होने की संभावना पहले से ही थी, लेकिन सोमवार को भी संख्या में कोई कमी नहीं आई। अनुमान लगाया जा रहा था कि भीड़ में कुछ कमी आएगी, मगर इसके विपरीत, रविवार देर रात से ही श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ने लगा और सोमवार को दोपहर होते-होते संगम क्षेत्र की ओर भीड़ और बढ़ गई। जितने श्रद्धालु स्नान कर लौट रहे थे, उससे अधिक संख्या में नए श्रद्धालु संगम की ओर बढ़ रहे थे। स्नान के उपरांत भक्तजन श्री बड़े हनुमानजी के दर्शन करने भी जा रहे थे।
रिक्शा और ठेलिया चालकों की मनमानी वसूली:-
भीड़ का लाभ उठाकर रिक्शा और ठेलिया चालक श्रद्धालुओं से मनमाने दाम वसूल रहे हैं। अलोपीबाग से संगम तक पहुंचाने के लिए प्रति व्यक्ति 300 रुपये तक वसूले जा रहे हैं, और वापसी का किराया भी उतना ही रखा जा रहा है। शारीरिक रूप से कमजोर और वृद्ध श्रद्धालुओं की मजबूरी का फायदा उठाते हुए ठेलिया वाले अधिक शुल्क ले रहे हैं। इसके अलावा, बाइक गैंग भी सक्रिय हो गई है, जो 300 से 500 रुपये में संगम से प्रयागराज जंक्शन, रामबाग या झूंसी स्टेशन तक की सवारी दे रही है।