Lucknow: साइबर क्राइम पुलिस ने दिल्ली के लाजपत नगर स्थित एक फ्लैट से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने टेक्स इंडिया ग्रुप फर्म के मालिक की व्हाट्सएप प्रोफाइल का उपयोग कर चैट के जरिए 78 लाख रुपये की ठगी की थी। पुलिस ने मंगलवार को इन आरोपियों को लखनऊ लाकर आगे की कार्रवाई की। इस गिरोह का सरगना चीन का विंग सांग शू है, जिसकी तलाश जारी है। पुलिस एक अन्य आरोपी उवैस को भी पकड़ने के प्रयास में जुटी है।

गिरफ्तार आरोपी और उनका बैकग्राउंड:-
इंस्पेक्टर ब्रजेश कुमार यादव ने बताया की, गिरफ्तार किए गए आरोपियों में अमजद (निवासी ककरौली तेवड़ा, मुजफ्फरनगर), इब्राहिम डार (निवासी दानापुरा, श्रीनगर), और एहसान उल हक (निवासी मदेजर नगर) शामिल हैं। इन आरोपियों को सर्विलांस के माध्यम से ट्रैक कर पकड़ा गया। 17 फरवरी को टेक्स इंडिया ग्रुप के अकाउंट मैनेजर, सीए सर्वेश द्विवेदी ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि 78 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई है।

तकनीकी पृष्ठभूमि वाले आरोपी:-
जांच में पता चला कि इब्राहिम डार ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है, जबकि एहसान उल हक के पास जम्मू-कश्मीर के एक कॉलेज से तकनीकी डिग्री है। आरोपियों और गिरोह के सरगना की मुलाकात इंटरनेट के जरिए हुई थी। तीनों ने लाजपत नगर में 80,000 रुपये महीने के किराये पर एक फ्लैट लिया था, जहां से वे ठगी का संचालन कर रहे थे। पुलिस ने इनके पास से लैपटॉप और आईफोन बरामद किए हैं। पूछताछ में इब्राहिम ने खुलासा किया कि ठगी से मिले 78 लाख रुपये अमजद के नाम से जम्मू-कश्मीर में खोले गए एक फर्जी बैंक खाते में ट्रांसफर किए गए थे। पुलिस अब इन फर्जी खातों की जांच कर रही है। इब्राहिम और एहसान, लोगों से व्हाट्सएप चैट के जरिए संपर्क कर उन्हें ठगते थे।

गिरोह के सरगना की तलाश जारी:-
पुलिस सरगना विंग सांग शू को पकड़ने के लिए चीन की एंबेसी से संपर्क कर रही है। इसके लिए औपचारिक प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस बीच, अमजद के बैंक खाते को फ्रीज कर दिया गया है। ठगी के 78 लाख में से 12 लाख रुपये पीड़ित को लौटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और शेष रकम वापस दिलाने के लिए बैंक से समन्वय किया जा रहा है।

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