लखनऊ: डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती की पूर्व संध्या पर अटल बिहारी वाजपेयी साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में आयोजित “वैचारिक सम्मेलन” में पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री कौशल किशोर ने भारतीय संविधान में उल्लिखित जनता के कर्तव्यों पर जोर देते हुए कहा कि यदि प्रत्येक नागरिक अपने नैतिक व संवैधानिक कर्तव्यों का पालन करने लगे, तो एक अपराध मुक्त, जातीय विद्वेष मुक्त, भ्रष्टाचार मुक्त, सामाजिक विषमता मुक्त और नशामुक्त समाज का निर्माण संभव है।
उन्होंने अपने विचार रखते हुए कहा, “यदि देश की आज़ादी के समय से ही जनमानस को कर्तव्यों के निर्वहन की दिशा में प्रेरित किया गया होता, तो आज हमारा देश नशामुक्त और भ्रष्टाचार मुक्त होता।” उन्होंने जोर देकर कहा कि बेईमानी, रिश्वतखोरी, जातिवाद, तुष्टीकरण, नशाखोरी व समाज को विभाजित करने वाले कार्य, एक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सबसे बड़ी बाधा हैं।
कौशल किशोर ने यह भी कहा कि यदि देश के सभी नेता, अधिकारी, समाजसेवी, कर्मचारी, किसान, व्यापारी और मजदूर संविधान में दिए गए कर्तव्यों को अपनाएं, तो भारत न केवल आत्मनिर्भर, बल्कि विश्व का सबसे श्रेष्ठ राष्ट्र बन सकता है। उन्होंने जनता से अपील की कि हर नागरिक को न केवल स्वयं कर्तव्यों का पालन करना चाहिए, बल्कि एक व्यापक सामाजिक आंदोलन चलाकर दूसरों को भी इसके लिए जागरूक करना चाहिए। इस सम्मेलन को उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग के माननीय अध्यक्ष बैजनाथ रावत, विधायक जयदेवी कौशल, योगेश शुक्ला, अमरेश कुमार और राजेश्वर सिंह समेत कई जनप्रतिनिधियों ने भी संबोधित किया। सभी वक्ताओं ने अपने जीवन में और समाज में कर्तव्यों के पालन की आवश्यकता पर बल दिया।
इस “वैचारिक सम्मेलन” में प्रदेश के 75 जिलों से आए लगभग पांच हजार लोग उपस्थित थे। इनमें सामाजिक संगठन चलाने वाले समाजसेवी, डॉक्टर, इंजीनियर, कर्मचारी, अधिकारी, सेवानिवृत्त कर्मचारी और अंबेडकरवादी, कबीरपंथी व बौद्ध अनुयायी शामिल थे। पूरा सभागार खचाखच भरा था, और हॉल की फर्श व गैलरी में लगे एलईडी स्क्रीनों के माध्यम से हजारों लोगों ने सम्मेलन को सुना। सम्मेलन के अंत में कौशल किशोर ने उपस्थित सभी लोगों को भारतीय संविधान में वर्णित कर्तव्यों का पालन करने का संकल्प भी दिलाया।