UP: रविवार, 13 अप्रैल को लखनऊ में एक कार्यशाला के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब वक्फ की जमीन पर अवैध कब्जों के खिलाफ कार्रवाई की गई, तो जानबूझकर हिंसा फैलाई गई। उन्होंने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में तीन दलित हिंदुओं की हत्या का भी जिक्र किया और कहा कि ऐसे ही गरीब और वंचित लोग जमीन वापसी से लाभान्वित होने वाले थे।
सीएम योगी ने कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस पर केवल वोटबैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि ये दल महापुरुषों का अपमान करने का इतिहास रखते हैं। उन्होंने बांग्लादेश में दलित हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार का मुद्दा उठाया और कहा कि यह जोगेंद्र नाथ मंडल जैसे ऐतिहासिक फैसलों का नतीजा है।
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि यह कानून पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न झेलकर आए पीड़ितों को नागरिकता देने के लिए है, लेकिन कांग्रेस और सपा जैसे दल देश में भ्रम फैलाने का काम कर रहे हैं। योगी ने दावा किया कि विपक्षी दलों से जुड़े लोग ही दलितों की जमीनों पर कब्जा करते हैं और अब जब सरकार कार्रवाई कर रही है, तो हिंसा फैलाई जा रही है। उन्होंने 2012 में सपा सरकार के समय अंबेडकर और कांशीराम से जुड़ी इमारतों को हटाने के प्रयासों का भी जिक्र किया।
अपने संबोधन में सीएम योगी ने विपक्ष पर छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान करने और औरंगज़ेब तथा जिन्ना जैसे विभाजनकारी नेताओं की प्रशंसा करने का आरोप भी लगाया। उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे दलित और वंचित समाज तक सही जानकारी पहुँचाएँ, ताकि जनता को गुमराह होने से रोका जा सके।