लखनऊ। यूपी के बेसिक शिक्षा विभाग में आने वाले कुछ दिनों में बड़े पैमाने पर तबादला होने जा रहा है। इसमें खंड शिक्षा अधिकारियों, समूह ग के लेखाकार, सहायक लेखाकार, वरिष्ठ संप्रेक्षक, कनिष्ठ संप्रेक्षकों का तबादला भी अवरोही क्रम में अनिवार्य रूप से करने के निर्देश दिए हैं। जिला और मंडल स्तर पर स्थित विभाग के दफ्तरों, डायट और विशिष्ट संस्थान में तीन वर्ष (31 मार्च 2021 तक) तक जमे कर्मचारियों का तबादला करने के निर्देश 10 जुलाई तक दिए गए हैं. कर्मचारियों की संख्या के सापेक्ष 20 प्रतिशत तक कर्मचारियों के तबादले करने के आदेश दिए हैं। 20 प्रतिशत से अधिक संख्या होने पर समूह क व ख के लिए मुख्यमंत्री और समूह ग व घ के लिए विभागीय मंत्री से अनुमति लेने के निर्देश दिए हैं।
बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को 20 जुलाई तक संपत्ति का ब्यौरा निर्धारित प्रारूप में देना होगा। प्रथम नियुक्ति तिथि और उसके बाद प्रत्येक पांच वर्ष पर चल व अचल संपत्ति का ब्यौरा देने के आदेश दिए हैं। सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को निर्धारित प्रारूप में संपत्ति का ब्यौरा मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड कर उसकी एक प्रति 20 जुलाई 2021 तक उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
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वर्षों से एक ही जिले में तैनात बड़ी संख्या में कर्मचारी
उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग में कर्मचारियों के स्थानांतरण पर काफी खेल चल रहा। आलम यह है कि कई जिलों में एक ही जगह वर्षों से कर्मचारी कुर्सी पर जमे हुए हैं। इसको लेकर कई बार शिकायतें भी सामने आई हैं। लखनऊ के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय और मंडलीय कार्यालय में कई ऐसे कर्मचारी हैं जो 8-10 साल से अपनी कुर्सियों पर जमे हुए। स्थानांतरण के नाम पर इन्हें जिले के किसी स्कूल या अन्य कार्यालय में भेज दिया जाता है। वहां से संबद्धता के नाम पर इन्हें वापस बीएसए कार्यालय में बुला लिया जाता है।