लखनऊ। भारत सरकार ने पांच साल की मेंटेनेन्स हेल्प के साथ 60 लोको हैल्ड कोच और 30 डीईएमयू कोचों की मोजाम्बिक सरकार द्वारा खरीद के लिए स्वीकृत ऋण की सीमा बढ़ा दी है। यह प्रतिष्ठित परियोजना राइट्स द्वारा मॉडर्न कोच फैक्ट्री रायबरेली के सहयोग से शुरू की गई है। उत्तर रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक संजय त्रिपाठी ने बताया कि मोजाम्बिक पोर्ट और रेलवे के बीच 11 जून 2020 को इस आशय के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे। भारत में अपनाए जा रहे ब्रॉडगेज (1676एमएम), मीटरगेज (1000एमएम) और नैरोगेज (762एमएम/610 एमएम) के मुकाबले मोजाम्बिक में केपगेज (1067एमएम) का इस्तेमाल किया जाता है। मॉडर्न कोच फैक्ट्री में ब्रॉडगेज पहियों के लिए पूरी तरह से स्वचालित पहिया निर्माण संयंत्र हैं, इसलिए केपगेज व्हील सेट के निर्माण के लिए मौजूदा संयंत्र में बदलाव करना संभव नहीं था।
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उन्होंने बताया कि उत्तर रेलवे के चारबाग कारखाने ने इस चुनौती को स्वीकार कर मार्च 2021 में पहले प्रोटोटाइप व्हील सेट को तैयार किया। जिसका मॉडर्न कोच फैक्ट्री के डिजाइन विंग द्वारा संयुक्त रूप से निरीक्षण और अनुमोदन किया गया। लगभग 50 लाख रुपए की लागत वाले लोको-हॉल्ड ट्रेलर कोचों के लिए 70 व्हील सेटों के निर्माण का वर्कऑर्डर अप्रैल, 2021 में प्राप्त हुआ था, जिनमें से 68 व्हील सेट पहले ही भेजे जा चुके हैं। इस कार्य की सफलता को देखते हुए 94 लाख रुपए की लागत वाले डीपीसी के 24 व्हील सेटों और डीटीसी/टीसी के 120 व्हील सेटों के निर्माण के लिए एक और वर्कऑर्डर जून 2021 में मॉर्डन कोच फैक्ट्री को दिया गया है। चारबाग कारखाना अगले चार महीनों में इस कार्य को पूरा करने के लिए तैयार है।https://gknewslive.com