जाति का नहीं बल्कि मन, चित, बुद्धि, अंतःकरण को धोने वाला धोबी हूँ: उमाकांत जी महाराज
धर्म कर्म; निजधामवासी बाबा जयगुरुदेव जी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी, जिनके रूप में ही अब स्वामी जी महाराज सब जीवों की संभाल हर तरह से कर रहे हैं, सबके कर्मों को…
धर्म कर्म; निजधामवासी बाबा जयगुरुदेव जी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी, जिनके रूप में ही अब स्वामी जी महाराज सब जीवों की संभाल हर तरह से कर रहे हैं, सबके कर्मों को…
धर्म कर्म: कर्मों को कटवाने के नाना उपाय निकालने, बताने वाले, जीवात्मा को निष्कर्म कर अपने असला देश सतलोक जयगुरुदेव धाम ले चलने वाले, वक़्त गुरु, पूरे समरथ सन्त, दुःखहर्ता,…
धर्म कर्म: निजधामवासी बाबा जयगुरुदेव जी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी, अपने गुरु के चिन्ह के रूप में उनकी याद को चिरकाल तक बनाये रखने वाले, मंदिर तो एक जरिया है लेकिन…
धर्म कर्म: जीवात्मा को भवसागर पार करने के लिए कलयुग में आसान कर दी गयी सुरत शब्द नाम योग साधना का मार्ग बताने, समझाने, चलाने और लक्ष्य की प्राप्ति कराने…
धर्म कर्म: पूरे समर्थ गुरु का महत्त्व, महिमा अनिवार्यता को समझाने वाले, निगुरा यानी बिना गुरु किये हुए अपना समय व्यर्थ न करने की शिक्षा देने वाले, जिनके रूप में…
धर्म-कर्म : परमार्थ के लिए ही इस धरती पर आये हुए, लोगों की तकलीफों के मूल कारण और उपाय को जानने-बताने वाले, अज्ञानता में लोगों द्वारा अपने उपर लादते जा…
धर्म कर्म: कुल मालिक जिनके रूप में अभी धरती पर आये हुए हैं, इस समय मनुष्य शरीर में होने के नाते सामजिक मर्यादा को निभाते हुए अपनी अलौकिक असीमित शक्ति…
धर्म-कर्म: इस समय के पूरे समरथ सन्त सतगुरु दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने बताया कि सतसंग से ही सारी जानकारी होती है। यह धार्मिक किताबें, यह रामायण…
धर्म- कर्म: जीवों पर आध्यात्मिक दौलत लुटाने के नये-नये तरीके खोजने वाले, उसमें भी दिन दुनी रात चौगुनी बरकत, तरक्की के लिए समय-समय पर सुनहरे उपाय निकालने वाले, इस समय…
धर्म-कर्म: देश के, विशेषकर युवाओं के हो रहे नुक्सान से चिंतित, सरकार द्वारा कुछ पैसे की आमदनी के लालच में होने वाले दूरगामी भारी नुक्सान को और उसके उपाय को…