HAPPY BIRTHDAY NAGESHWAR: आज के युग में रिश्ते निभाना हर किसी के बस की बात नहीं है क्योंकि कई बार अपना ही दिल दुखाना पड़ता है दूसरों की ख़ुशी के लिए। लखनऊ के जाने माने जी के न्यूज लाइव के संस्थापक व बसपा के वरिष्ठ नेता व गरीबों के मसीहा व समाजसेवी स्वभाव के धनी नागेश्वर द्विवेदी जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई। आपको बता दें नागेश्वर ने आज अपना जन्मदिन मित्रों और परिवार के साथ मिलकर मनाया इसके साथ ही अपने बड़े भाई बागेश्वर द्विवेदी का आशीर्वाद लिया।
नागेश्वर द्विवेदी ने 1994 वें में बाबा जयगुरुदेव संस्था से अपने आप को सेवा भाव के चलते जोड़ा। 1997 में लोगो की समस्याओं को देख कर न्याय दिलाने के लिए पत्रिकारिता को अपना हथियार बनाया। 2005 में बसपा ज्वाइन कर राजनीत में आए, इसवर्ष 2020 में पूरे लॉक डाउन में गरीब मजलूम अन्य प्रदेशों के आश्रित मजदूरों को भोजन वितरित किया ऐसे चरित्र के धनी व्यक्ति को बार-बार जन्मदिन की बधाई।
परेशानियों से भागना आसान होता है।
हर मुश्किल जिंदगी में एक इम्तिहान होता है।।
हिम्मत हारने वाले को कुछ नहीं मिलता जिंदगी में।
और मुश्किलों से लड़ने वाले के कदमों में ही तो जहां होता है।। HAPPY BIRTHDAY
संगत और पंगत हमेशा अच्छी होनी चाहिए: # नागेश्वर द्विवेदी
कहते हैं कि जैसी संगत वैसी पंगत और जैसी पंगत वैसा जीवन। आप लाख अच्छे हैं लेकिन यदि आपकी संगत बुरी है, तो आप बर्बाद हो जाएंगे। लेकिन यदि आप लाख बुरे हैं और आपकी संगत अच्छे लोगों से है और आप उनकी सुनते भी हैं, तो निश्चित ही आप आबाद हो जाएंगे। कौरवों के साथ शकुनि जैसे लोग थे जो पांडवों के साथ कृष्ण। शकुनि मामा जैसी आपने संगत पाल रखी है तो आपका दिमाग चलना बंद ही समझो।
आपको बता दें नागेश्वर द्विवेदी का कहना है हर इंसान को थोक के भाव में लोग मिलते हैं। लेकिन सच्चे लोग हमेशा आपको कामयाबी के रास्ते पर ले जाते है, सही लोग आपकी जिंदगी में कई सकारात्मक बदलाव लेकर आते है। आपको बता दें नागेश्वर द्विवेदी ने हमेशा सबका सहयोग एक बड़े भाई व एक अच्छे मित्र के रूप में किया है। उन्होंने हमेशा रिश्तों के महत्त्व को समझा और समझाया है। (रिश्तों की कदर भी पैसों की तरह कीजिये, क्योंकि दोनों को गँवाना आसान है और कमाना उतना ही मुश्किल है
खुद नहीं बदलोगे तो समाज आपको बदल देगा: # नागेश्वर द्विवेदी
जीवन में हमेशा दानी, उदार और दयालु होने से काम नहीं चलता। महाभारत में जिस तरह से कर्ण की जिंदगी में उतार-चढ़ाव आए, उससे यही सीख मिलती है कि इस क्रूर दुनिया में अपना अस्तित्व बनाए रखना कितना मुश्किल होता है। इसलिए समय के हिसाब से बदलना जरूरी होता है, लेकिन वह बदलाव ही उचित है जिसमें सभी का हित हो। कर्ण ने खुद को बदलकर अपने जीवन के लक्ष्य तो हासिल कर लिया, लेकिन वे फिर भी महान नहीं बन सकें, क्योंकि उन्होंने अपनी शिक्षा का उपयोग समाज से बदला लेने की भावना से किया। बदले की भावना से किया गया कोई भी कार्य आपके समाज का हित नहीं कर सकता।
“जन्मदिन का ये लम्हा मुबारक हो आपको”
“ख़ुशियों का ये लम्हा मुबारक हो आपको”
“आने वाला कल लाये”
“आपके लिये ख़ुशियाँ हज़ार और”
“वो ख़ुशियाँ मुबारक हो आपको”
“Wish You A Very”
“Happy Birthday”