आज से वैशाख मास के खत्म होने के साथ ही ज्येष्ठ माह की शुरुआत होने जा रही है। इस माह को आम बोल चाल में जेठ भी बोला जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार ये माह साल का तीसरा महीना होता है। इस वर्ष इस माह की शुरुआत 6 मई से हो रही है। हिन्दू धर्म में इस माह को काफी ख़ास माना गया है। इस महीने में कई त्यौहार और व्रत होते है। इसके साथ ही यह माह बड़े मंगल की वजह से बहुत कुछ वर्षों से बहुत ख़ास माना जाने लगा है। आइए जानते और किन – किन तरह से ख़ास है ये माह…..

इस तारीख तक रहेगा जेष्ठ माह

हिन्दू पंचांग के अनुसार , 6 जून से शुरू होने वाले ज्येष्ठ माह जून की पूर्णिमा के दिन 4 जून को समाप्त हो जाएगा। ज्योतिषाचार्यों की माने तो , यह माह देवी देवताओं का होता हैं। इस महीने में सूर्य देव, वरुण देव, शनि देव और हनुमान जी पूजा को ख़ास माना गया है। ऐसा करने से व्यक्ति को शुभ फल की प्राप्ति होती है।

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क्या है ज्येष्ठ माह का महत्त्व

पौराणिक कथाओ के अनुसार इस माह में गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था। जिसकी वजह से इस माह में गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है की गंगा दशहरा के दन व्यक्ति अगर गंगा जल से स्नान करने के बाद दान करता है तो , उसके सारे पापा काट जाते है और उसे मोक्ष भी पर्पट होता है। इसके साथ ही इस माह में ही राम जी की हनुमान जी से भेंट भी हुई थी। इसके साथ ही इस माह में ही शनिदेव का जन्म भी हुआ था। ऐसे कई साड़ी पौराणिक घटनाओं की वजह से यह माह अन्य सभी माह में सबसे महत्वपूर्ण माह बन जाता हैं।

आइए जानते है ज्येष्ठ माह में पड़ने वाले व्रत-त्योहार

6 मई 2023, शनिवार- ज्येष्ठ मास आरंभ
8 मई 2023, सोमवार- एकदंत संकष्टी चतुर्थी
12 मई 2023, शुक्रवार- कालाष्टमी, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी
14 मई 2023, रविवार- हनुमान जयंती (तेलुगु)
15 मई 2023, सोमवार- अपरा एकादशी, वृषभ संक्रांति
17 मई 2023,बुधवार- मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष)
19 मई 2023, शुक्रवार- ज्येष्ठ अमावस्या, वट सावित्री व्रत, दर्श अमावस्या, शनि जयंती
23 मई 2023, मंगलवार- विनायक चतुर्थी
25 मई 2023, गुरुवार- स्कंद षष्ठी
29 मई 2023, सोमवार- महेश नवमी
30 मई 2023, मंगलवार – गंगा दशहरा
31 मई 2023, बुधवार- निर्जला एकादशी, गायत्री जयंती, राम लक्ष्मण द्वादशी
1 जून 2023, गुरुवार- प्रदोष व्रत (शुक्ल)
3 जून 2023, शनिवार- वट पूर्णिमा व्रत, ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत

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