लखनऊ। सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, दान और ध्यान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। वैसे तो साल में 12 पूर्णिमा तिथियां होती हैं, जिसमें पूर्ण चंद्रोदय होता है। लेकिन माघ महीने की पूर्णिमा का महत्व ज्यादा होता है। ‘माघ पूर्णिमा’ हर मास के शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा तिथि होती है। इस साल माघ मास की पूर्णिमा 27 फरवरी 2021 शनिवार को है। इस दिन पवित्र मां गंगा, यमुना, सरस्वती के अद्भुत संगम जैसे तीर्थ स्थानों में स्नान करने का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन पवित्र नदी जैसे गंगा में स्नान करने से और दान पुण्य करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसलिए संगम में माघी पूर्णिमा का स्नान करने देश के कोने-कोने से लोग आते हैं। हिन्दू मान्यता के अनुसार माघ पूर्णिमा पर स्नान करने वाले लोगों पर भगवान विष्णु मुख्य रूप से प्रसन्न होते हैं और उन्हें सुख सौभाग्य और धन-संतान तथा मोक्ष प्रदान करते हैं।
साथ ही जो पूर्णिमा व्रत रखकर चन्द्रमा को अर्घ्य देते हैं। उन्हें पूर्णिमा व्रत 26 फरवरी 2021 शुक्रवार को ही रखना चाहिए और भगवान सत्य नारायण की पूजा कथा भी 26 फरवरी को ही करनी चाहिए। किन्तु पूर्णिमा का पुण्यकाल का स्नान 27 फरवरी को करना चाहिए।
पूर्णिमा का महत्व
माघ का पूरा महीना ही पूजा-पाठ करने और विशेष पुण्य देने वाला माना गया है। ऐसे में माघ की पूर्णिमा का महत्व तो और अधिक बढ़ जाता है। पद्मपुराण में कहा गया है कि माघ पूर्णिमा के दिन स्वंय भगवान विष्णु गंगा नदी में निवास करते हैं। इसीलिए ऐसी मान्यता है कि इस दिन गंगा जल के स्पर्श मात्र से समस्त पापों का नाश हो जाता है।
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माघ पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त
पंडित राजेंद्र प्रसाद शुक्ला ने बताया कि इस वर्ष माघ पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त इस प्रकार है-
पूर्णिमा तिथि आरंभ- 26 फरवरी 2021 शुक्रवार को दोपहर 1 बजकर 56 मिनट से।
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 27 फरवरी 2021 शनिवार दोपहर 1 बजकर 57 मिनट तक।
माघ पूर्णिमा व्रत की पूजा विधि
माघ पूर्णिमा के दिन प्रातः काल सूर्योदय से पूर्व किसी पवित्र नदी, जलाशय, कुआं या बावड़ी में स्नान करना चाहिए। स्नान के बाद सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए। स्नान के पश्चात व्रत का संकल्प लेकर भगवान मधुसूदन की पूजा करनी चाहिए। व माघ पूर्णिमा की कथा कहनी व सुननी चाहिए। मध्याह्न काल में गरीब व्यक्ति और ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान-दक्षिणा देना चाहिए। दान में तिल और काले तिल विशेष रूप से दान में देना चाहिए. माघ माह में काले तिल से हवन और काले तिल से पितरों का तर्पण करना चाहिए।
पूर्णिमा के दिन दान करने से लाभ
माघ पूर्णिमा में स्नान के बाद दान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इसलिए इस दिन दान जरूर करना चाहिए। कहते हैं कि माघ पूर्णिमा में चावल, काला तिल, तिल का लड्डू, अन्न, वस्त्र या धन के दान से घर में सुख-शांति बनी रहती है।https://gknewslive.com