लखनऊ: देश की संसद में महिला आरक्षण की चर्चा के बीच बसपा सुप्रीमो मायावती ने राजधानी में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जनगणना, परिसीमन और दूसरी कई खामियों के साथ संसद में दिखावे के लिए महिला आरक्षण सम्बन्धी बिल पेश करना देश की करोड़ों महिलाओं की आंखों में धूल झोंकना है। मायावती ने कहा कि संसद से बिल भले ही पारित हो जाए लेकिन कई वर्षों तक नई जनगणना होने में और उसके बाद कई वर्षों तक परिसीमन होने से ये बिल महिलाओं को त्वरित लाभ नहीं दे रहा है। साथ ही इस बिल में एससी-एसटी महिलाओं के लिए उन्होंने लागू आरक्षण के अतिरिक्त आरक्षण देने की मांग भी की।

मायावती ने कहा कि ऐसा लग रहा है किआगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों में महिलाओं के वोट के लिए इस प्रकार के बिल को पास कराया जा रहा है। मायावती ने कहा कि बिल पेश किये जाने और उसको लागू करने में सरकार की नियत साफ़ नहीं है।

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मायावती ने कहा कि एससी-एसटी के अतिरिक्त ओबीसी महिलाएं भी सामान्य वर्ग की महिलाओं से काफी पीछे हैं। ऐसे में उनके लिए भी अलग से आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए। मायावती ने कहा कि कांग्रेस और अन्य पार्टियां भी बीजेपी के साथ आ गई हैं। इससे साफ़ प्रतीत होता है कि उनका महिलाओं के आरक्षण से कोई नहीं बल्कि आगामी चुनावों में उन्हें बहलाकर उनका वोट लेने से लगाव है।

मायावती ने कहा कि इस बिल का सीधा असर देश की करोड़ों महिलाओं के उत्थान पर होगा इसलिए मैं इसका समर्थन करती हूँ।

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