Earthquake: मंगलवार सुबह तिब्बत में भूकंप के जोरदार झटकों से तबाही मच गई। इस प्राकृतिक आपदा में 95 लोगों की जान चली गई, जबकि 130 से अधिक लोग घायल हुए हैं। चीन भूकंप नेटवर्क केंद्र (सीईएनसी) के अनुसार, भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.8 मापी गई। यह झटके सुबह 9:05 बजे महसूस किए गए।
भूकंप का केंद्र और प्रभाव:-
चीन की सरकारी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भूकंप का केंद्र तिब्बत के शिजांग शहर के डिंगरी काउंटी में 10 किलोमीटर गहराई पर था। इसका स्थान 28.5 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 87.45 डिग्री पूर्वी देशांतर पर स्थित था। इससे पहले नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने जानकारी दी थी कि सुबह 6:30 बजे भी 7.1 तीव्रता का भूकंप आया था। इसके बाद लगातार 4.7, 4.9 और 5.0 तीव्रता के झटके महसूस किए गए। भूकंप के डर से लोग अपने घरों को छोड़कर खुले स्थानों पर चले गए। राहत और बचाव कार्य जारी है, लेकिन प्रभावित इलाकों में भारी नुकसान की आशंका है।
भारत में भी महसूस हुए झटके:-
इस भूकंप के झटके भारत के बिहार, असम, सिक्किम और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में भी महसूस किए गए। बिहार में इसका प्रभाव सबसे ज्यादा देखा गया। घबराए लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। यूएसजीएस के अनुसार, भूकंप का केंद्र लोबुचे से 93 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में था।
भूकंप क्यों आता है?
भूकंप पृथ्वी के अंदर मौजूद सात टेक्टोनिक प्लेट्स की हलचल के कारण आता है। ये प्लेट्स लगातार घूमती रहती हैं और जब ये आपस में टकराती हैं, तो दबाव के कारण प्लेट्स टूटने लगती हैं। इससे निकलने वाली ऊर्जा भूकंप का कारण बनती है। भूकंप का केंद्र वह स्थान है जहां प्लेटों के बीच हलचल से ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर झटके सबसे तेज होते हैं। रिक्टर स्केल पर 7 या उससे अधिक तीव्रता का भूकंप 40 किमी के दायरे में भारी नुकसान पहुंचा सकता है। हालांकि, इसका प्रभाव इस बात पर निर्भर करता है कि भूकंपीय ऊर्जा ऊपर की ओर निकलती है या अन्य दिशा में फैलती है।