Arvind Kejriwal Bail: आबकारी नीति घोटाला मामले में जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी औऱ उनके नियमित जमानत की मांग वाली याचिका पर आज दिल्ली हाईकोर्ट अपना फैसला सुनाएगा। आपको बता दें कि सीएम केजरीवाल ने सीबीआई द्वारा की गई अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी। 29 जुलाई को हुई सुनवाई में कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। बता दें इसी मामले में जांच में जुटी सीबीआई टीम ने केजरीवाल को बीते 26 जून को गिरफ्तार किया था। तो वहीं प्रवर्तन निदेशालय यानी (ईडी) ने केजरीवाल को बीते 21 मार्च को अरेस्ट किया था।
दिल्ली सीएम की बढ़ी न्यायिक हिरासत
दिल्ली शराब नीति से जुड़े भ्रष्टाचार के इस मामले ने सीएम केजरीवाल को अपने शिकंजे में इस कदर जकड़ रखा है मानों ये भ्रष्टाचार केजरीवाल को कोर्ट के चक्कर लगाने से कभी छुटकारा नहीं देना चाहता है। वहीं इसी मामले में 25 जुलाई को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई थी। जिसमें सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 8 अगस्त तक बढ़ा दी थी। जानकारी के लिए याद दिला दे कि ED के मनी लॉन्ड्रिंग केस में अरविंद केजरीवाल 31 जुलाई तक सलाखों के पीछे रहे। हालांकि, केजरीवाल को ED द्वारा 21 मार्च को अपनी हिरासत में लिया गया था। जिसके बाद 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में जमानत भी दे दी थी। मगर CBI केस के चलते अरविंद केजरीवाल को जेल में ही अपना गुजर-बसर करना पड़ा।
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उल्लेखनीय है कि बीते आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मामले में सीबीआई जांच के तहत दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 8 अगस्त तक बढ़ाई थी। फिलहाल, अब सीएम केजरीवाल ईडी और सीबीआई दोनों के ही मामले में न्यायिक हिरासत में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। वहीं, खास बात तो ये है कि मनी लॉड्रिंग मामले में दिल्ली के अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत भी मिल चुकी है। बल्कि इस मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और बीआरएस नेता के. कविता न्यायिक हिरासत के चलते तिहाड़ जेल अपने गुनाहों की सजा काट रहे हैं।
सीबीआई के मकड़जाल में फंसे केजरीवाल
खबरों के मुताबिक, दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में 9 जुलाई को ED ने सातवीं सप्लिमेंट्री चार्जशीट पेश की थी। जिसमें दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल को केस का सरगना और साजिशकर्ता बताया गया। साथ ही इस चार्जशीट में साफ तौर पर ये कहा गया है कि स्कैम से मिला पैसा आम आदमी पार्टी की टीम पर खर्च हो रहा है। इतना ही नहीं ED ने अपनी सफाई में ये भी कहा कि केजरीवाल ने 2022 में हुए गोवा चुनाव में AAP के चुनाव अभियान में यह पैसा खर्च किया। शराब की बिक्री करने के लिए एक बड़े कॉन्ट्रेक्ट के लिए साउथ ग्रुप के सदस्यों से 100 करोड़ रुपए की रिश्वत तक मांगी थी, जिसमें से 45 करोड़ रुपए गोवा के चुनाव प्रचार पर खर्च किए गए थे। जिस पर ईडी का कहना है कि सीएम केजरीवाल ने खुद ये दावा किया कि AAP के पूर्व मीडिया प्रभारी और इस केस के सह-आरोपी विजय नायर ने उनके नहीं, बल्कि मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज के अधीन काम किया था। इन सभी मकड़जाल को देखते हुए ऐसा लगता है कि सीएम केजरीवाल क्या यूं ही कोर्ट के चक्कर लगाते रहेंगे या फिर इस मुसीबत से बाहर निकलकर अपनी पार्टी को आगे बढ़ाने का काम भी करेंगे।