लखनऊ। भगवान केदारनाथ के कपाट अगले छह महीने के लिए खोल दिए गए है। इस मौके पर भगवान केदारनाथ के धाम को भव्य और दिव्य तरीके से 11 क्विंटल फूलों से सजाया गया था। केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग एवं जिलाधिकारी मनुज गोयल भी केदारनाथ धाम में इस मौके पर मौजूद थे। सुबह पांच बजे भगवान केदारनाथ के कपाट विधि-विधान और वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ खोले गए।

आज तड़के 3:30 बजे से केदारनाथ धाम के प्रधान पुजारी बागेश लिंग व विद्वान आचार्यों द्वारा केदार पुरी में पंचाग पूजन के तहत भगवान केदारनाथ सहित अनेक देवी- देवताओं का आह्वान किया गया। ठीक पांच बजे रावल भीमाशंकर लिंग द्वारा जिला, तहसील प्रशासन व देव स्थानम् बोर्ड के अधिकारियों तथा तीर्थ पुरोहित की मौजूदगी में कपाट खोलने की घोषणा के साथ ही विश्व कल्याण व क्षेत्र की खुशहाली की कामना की गई। रावल भीमाशंकर लिंग की कामना के बाद भगवान केदारनाथ के कपाट पौराणिक परम्पराओं व विधि-विधान से खोले गए. कपाट खुलते समय केदार पुरी जय भोले, जय केदार के उद्घोषों से गुंजायमान हो उठी। कपाट खुलने के बाद भक्तों ने बाबा केदार के स्वयंभू लिंग के दर्शन कर विश्व कल्याण की कामना की।

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बिना श्रद्धालुओं के खुले कपाट
वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण चारधाम यात्रा स्थगित होने के बाद इस बार भी भगवान केदारनाथ के कपाट सादगी से खुले। इस समय कुछ ही तीर्थ पुरोहितों को केदारनाथ धाम जाने की अनुमति दी गई है। कपाट खोलने की तैयारियों को लेकर शनिवार और रविवार को ही अधिकारी और कर्मचारी केदारनाथ धाम पहुंच गए थे। लेकिन, भक्तों के बिना बाबा का दरबार वीरान है।

पीएम मोदी के नाम से पहली पूजा
देवस्थानम बोर्ड एवं मंदिर समितियों द्वारा चारों धामों में पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से जनकल्याण के लिए की गई है। सुबह 5 बजे कपाट खुलने के बाद सबसे पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से की गई। देवस्थानम बोर्ड की ओर से 6,500 रुपए की रसीद पीएम मोदी के नाम से पूजा के लिए काटी गई है। परंपरा के मुताबिक, डोली पहुंची केदारनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले 13 मई को भगवान भैरवनाथ की पूजा-अर्चना की गई थी। बाबा केदार की विग्रह डोली ऊखीमठ से प्रस्थान कर 14 मई को फाटा पहुंची जिसके बाद 15 मई को गौरीकुंड और 16 मई को केदारनाथ धाम पहुंच गई।

14 मई को खुले थे यमुनोत्री के कपाट
इससे पहले 14 मई को यमुनोत्री धाम के कपाट खोले गए थे। यमुनोत्री में भी श्रद्धालुओं को अभी जाने की अनुमति नहीं है। यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के एक दिन बाद ही गंगोत्री धाम के कपाट भी खुल चुके हैं। 18 मई को बैकुंठ धाम के नाम से प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट खोले जाएंगे। इस तरह बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारों धामों के कपाट खुल जाएंगे।https://gknewslive.com

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