बाबा उमाकांत जी ने नरकों की पीड़ा का इशारों में वर्णन कर चेताया, आत्म कल्याण बहुत जरुरी है
धर्म-कर्म : भारत को विश्व गुरु बनाने में, वो स्वर्णिम युग वापस लाने में स्वयं लगने और सबको लगने की प्रेरणा देने वाले, देश सेवा का वास्तविक अर्थ समझा कर…
धर्म-कर्म : भारत को विश्व गुरु बनाने में, वो स्वर्णिम युग वापस लाने में स्वयं लगने और सबको लगने की प्रेरणा देने वाले, देश सेवा का वास्तविक अर्थ समझा कर…
धर्म-कर्म : लोगों के पाप कर्मों से कुदरत की बढ़ती नाराजगी को जानने समझाने वाले, बचने के उपाय बताने वाले, इस समय धरती पर आये हुए प्रभु के अवतार, अपने…
धर्म-कर्म: तन मन धन को परोपकार में लगाने की प्रेरणा देने वाले, पाप से बचाने वाले, गृहस्थ आश्रम में प्रभु प्राप्ति का रास्ता बताने वाले, अपने असली घर सतलोक जयगुरुदेव…
धर्म-कर्म: ज्यादा से ज्यादा जीवों को आगामी कुदरत के प्रकोप से बचाने के लिए तरह तरह से जतन करने वाले, आने वाली पीढ़ियों के लिए, समाज के उत्थान के लिए,…
धर्म कर्म: निजधाम वासी बाबा जयगुरुदेव के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी, कर्म काटने के आसान से आसान उपाय बताने वाले, कर्मों की सजा से बचाने वाले, बिगड़े को सुधारने वाले, जान बचाने…
धर्म-कर्म : जीवात्मा को जीते जी मुक्ति मोक्ष निर्वाण दिलाने का रास्ता पांच नामों का नामदान देने के इस समय इस धरती पर एकमात्र अधिकारी, प्रभु के बारे में गहरी…
धर्म-कर्म : सब जीवों के परम पिता सतपुरुष द्वारा इस मृत्युलोक में दुःख दूर कर अपने निज घर ले चलने के लिए अपनी पूरी पॉवर देकर भेजे गए इस समय…
धर्म-कर्म : महाराज जी ने बताया कि ग्रहण नक्षत्र, लोग कहते हैं, इनको राहु केतु लग गया, इनको यह लग गया, वह लग गया। असर तो इनका थोड़ा बहुत होता…
धर्म-कर्म : समाज की कुरीतियों को दूर करने वाले भारत के महान समाज सुधारक, सब बात सरलता से समझा देने वाले, सतयुग आगमन की घोषणा करने वाले, ध्वन्यात्मक पांच नाम…
धर्म-कर्म: इस पूरी सृष्टि के संचालनकर्ता, कभी न थकने वाले, मनुष्य के न रुक रहे गलत कर्मों से देवी-देवताओं प्रकृति की बढ़ती नाराजगी को और उनके सजा देने की तत्परता…